संभल जामा मस्जिद विवाद पर बोलीं मायावती, आपाधापी में मस्जिद सर्वे का संज्ञान ले सुप्रीम कोर्ट
punjabkesari.in Friday, Nov 22, 2024 - 12:44 PM (IST)
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने संभल की जामा मस्जिद को लेकर शुरू हुए विवाद पर शुक्रवार को सरकार तथा उच्चतम न्यायालय से संज्ञान लेने की अपील की। बसपा प्रमुख मायावती ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट कर कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश के संभल जिले की शाही जामा मस्जिद को लेकर अचानक विवाद, सुनवाई और फिर उसके फौरन ही बाद आपाधापी में सर्वेक्षण की खबरें राष्ट्रीय चर्चा तथा मीडिया की सुर्खियों में हैं।
यूपी के संभल जिले की शाही जामा मस्जिद को लेकर अचानक विवाद, सुनवाई और फिर उसके फौरन ही बाद आपाधापी में सर्वे की खबरें राष्ट्रीय चर्चा व मीडिया की सुर्खियों में है, किन्तु इस प्रकार से सदभाव व माहौल को बिगाड़ने का संज्ञान सरकार तथा मा. सुप्रीम कोर्ट को भी जरूर लेना चाहिए।
— Mayawati (@Mayawati) November 22, 2024
उन्होंने कहा, ‘‘किन्तु इस प्रकार से सद्भाव और माहौल को बिगाड़ने का संज्ञान सरकार तथा माननीय उच्चतम न्यायालय को भी जरूर लेना चाहिए।'' संभल जिले की एक अदालत के आदेश पर मंगलवार को वहां की जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया। दावा है कि इस मस्जिद का निर्माण किसी मंदिर को खंडित करके किया गया है। याचिकाकर्ता अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने मंगलवार को बताया था कि दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिविजन) की अदालत ने जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के लिये ‘एडवोकेट कमीशन' गठित करने के निर्देश दिये।
अदालत ने कहा है कि कमीशन के माध्यम से वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी सर्वे कराकर अदालत में रिपोर्ट दाखिल की जाए। जैन ने कहा था, ‘‘संबल में हरिहर मंदिर हमारी आस्था का केंद्र है। हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां पर दशावतार में से कल्कि अवतार यहां से होना है। बाबर ने 1529 में मंदिर को तोड़ कर मस्जिद में बदलने की कोशिश की थी। यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित क्षेत्र है। उसमें किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं हो सकता।