कानून वापसी पर बोलीं मायावती- चुनावी स्वार्थ व मजबूरी में लिया गया फैसला,सरकार की नीयत पर है शक

punjabkesari.in Saturday, Nov 20, 2021 - 01:11 PM (IST)

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कृषि कानून वापसी के फैसले का ट्वीट कर स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि देर आए दुरुस्त आए, किन्तु इसे चुनावी स्वार्थ व मजबूरी का फैसला बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की नीयत पर भी शक किया जा रहा है।  इससे पहले कि किसानों के पक्ष में कुछ ठोस फैसले लेकर जनता को विश्वास में ले तो ज्यादा बेहतर होता। उन्होंने कहा कि इसके लिए किसानों की उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य सरकार सुनिश्चित करे।



उन्होंने कहा कि नया कानून बनाना तथा देश की आन, बान व शान से जुड़े अति गम्भीर मामलों को छोड़कर आन्दोलित किसानों पर दर्ज बाकी सभी मुकदमों की वापसी को भी केन्द्र सरकार सुनिश्चित करे तो यह उचित होगा। उन्होंने कहा कि वैसे पूर्व में देश ने खासकर कांग्रेस पार्टी की श्रीमती इन्दिरा गांधी की रही सरकार के अहंकार एवं तानाशाही वाले रवैये आदि को काफी झेला है, किन्तु अब पूर्व की तरह वैसी स्थिति देश में दोबारा उत्पन्न नहीं हो, ऐसी देश को आशा है।

बता दें कि तीन नए कृषि कानून को लेकर लगभग एक साल से ज्यादा समय से किसान धरना दे रहे है। वहीं इसे लेकर पीएम शुक्रवार को देश को संबोधित करते हुए कानून को वापस लेने का फैसला लिया है। इसके बाद से किसानों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। अखिलेश यादव ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार किसानों के सम्मान में यह फैसला नहीं लिया है, बल्कि चुनाव में हार की डर के वजह से यह फैसला  लिया है। उन्होंने कहा कि जनता को भाजपा से सावधान रहने की जरूरत है। नहीं तो चुनाव के बाद सरकार कुछ ऐसे फैसले ले सकती है जो पूंजीपतियों के हित में होगा।  फिलहाल सरकार ने तीन कृषि बिल को वापस लेने का फैसला लिया है।   


 

Content Writer

Ramkesh