मेरठ: बिना सूचना के कैंट बोर्ड ने गिराया अवैध कॉम्पलेक्स, 4 लोग जिंदा दफन

punjabkesari.in Saturday, Jul 09, 2016 - 12:35 PM (IST)

मेरठ(आदिल रहमान): मेरठ के थाना सदर बाजार क्षेत्र के कैंट एरिया में कैंट बोर्ड के द्वारा एक अवैध कॉम्प्लेक्स को आज सुबह गिरा दिया गया।  ध्वस्तीकरण के इस अभियान के दौरान वहां मौजूद कई लोगों के मलबे के नीचे दबने की आशंका जताई जा रही थी लेकिन जब सही से ढूंढा गया तो इसमें कुल 7 लोग दबे मिले जिसमें 4 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि बाकी 3 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। मलबे में और भी कई लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। लोगों की मौत की सूचना के बाद कैंटोनमेंट की टीम मलबे में दबे लोगों को छोड़कर मौके से भाग गई। बाद में भारी पुलिस बल के साथ पुलिस प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया। जिसमें 3 लोगों को गंभीर हालात में मलबे से बाहर निकाला गया है।
 
शुक्रवार को ही होगई थी माल को गिराने की शुरूआत
बता दें कि आरआर मॉल को गिराने की शुरुआत शुक्रवार शाम खुद बिल्डर ने शुरू कर दी थी। मॉल के शीशे उतार लिए गए थे और चौथी मंजिल पर जेनरेटर लगाकर चार हैमर मशीनें लगाकर छेद कर दिए गए। रात में काम चल रहा था। भवन के आसपास लाइट लगाई गई थी। कैंट बोर्ड, सेना, पुलिस और प्रशासन ने शनिवार सुबह मॉल को गिराने के लिए एक्शन प्लान ओके कर दिया था लेकिन इसकी ठीक ढंग से जानकारी न देने के कारण कार्रवाई के दौरान इसमें सो रहे 7 लोग मलबे की चपेट में आ गए। जिसमें 4 की मौत तथा 3 अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। 
 
मेरठ बंद की तैयारी में जुटे व्यापारी
लोगों की मौत और बोर्ड की लापरवाही पर व्यापारियों का हंगामा जारी है और लगातार आक्रोश बढ़ता जा रहा है। कार्रवाई के विरोध में संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता मेरठ बंद की तैयारी कर रहे हैं। 
 
बीजेपी सांसद को करना पड़ा विरोध का सामना 
मौके पर पहुंचे बीजेपी सांसद राजेंद्र अग्रवाल को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। लोगों का कहना है कि प्रशासन ने कार्रवाई के नाम पर लाशें बिछा दीं, क्या यही जनहित है। बेकसूर लोगों की मौत हादसा नहीं बल्कि हत्या है। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने भी इसे बेकसूर लोगों की हत्या करार दिया है। 
 
क्या है 210 बी
कैंट के बंगला नंबर 210 बी में आबूलेन से सटे 10.5 एकड़ के इलाके में 62 कोठियां, एक मॉल और 22 दुकानें बनी हैं। कैंट बोर्ड का दावा है कि यह निर्माण अवैध है। हाईकोर्ट ने इसके ध्वस्तीकरण के आदेश दिए हैं। इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने भी ध्वस्तीकरण के निर्देश दिए हैं। कैंट बोर्ड इसी आधार पर 19 जून को 210 बी के ध्वस्तीकरण के लिए पहुंचा था, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के चलते टीम को वापस लौटना पड़ा। शुक्रवार को कैंट बोर्ड ने नए सिरे से यहां स्थित आरआर मॉल के ध्वस्तीकरण का एक्शन प्लान ओके कर दिया था।