मिल्कीपुर उपचुनाव: मुलायम कुनबे ने झोंकी ताकत, जानिए इस विधानसभा की चुनावी रणनीति

punjabkesari.in Friday, Jan 31, 2025 - 02:54 PM (IST)

मिल्कीपुर उपचुनाव: 5 फरवरी को यूपी के उस सीट पर मतदान होने जा रहा है जिसका परिणाम प्रदेश की राजनीति पर असरदार होने वाला है। अगर समाजवादी पार्टी यह सीट जीतती है तो प्रदेश में कहीं न कही उसका मनोबल बढ़ेगा और वहीं अगर भाजपा इस सीट को जीतने में कामयाब हो जाती है तो इसे फैजाबाद सीट हारने का बदला लेने के रूप में पेश करेगी और यह अपने पुराने दावे पर  और जोर देगी कि अवधेश प्रसाद फैजाबाद से तुक्के में सासंद बन गए थे। 

कांग्रेस इस उपचुनाव से खुद को पहले ही बाहर कर चुकी है और मुलायम सिंह यादव का कुनबा लगातार इस विधानसभा में माहौल अपने पक्ष में बनाने की कोशिश कर रहा है। यह भी कह सकते हैं कि इस उपचुनाव की तैयारी अखिलेश यादव ने संगम में डुबकी लगाकर की थी। उसके बाद 28 जनवरी को आजमगढ़ से सांसद धर्मेंद्र यादव ने रैली निकालकर माहौल बनाने की कोशिश की। इसके बाद 30 जनवरी को मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव और मछलीशहर से सांसद और क्रिकेटर रिंकू सिंह की होने वाली पत्नी प्रिया सरोज ने मिल्कीपुर में विशाल रोड सभा की। वहीं, खुद  पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव भी 3 फरवरी को मिल्कीपुर जाएंगे और अजीत प्रसाद की जीत सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे। 

डिंपल यादव के साथ क्यों दिखीं प्रिया सरोज? 
लोकसभा 2024 चुनाव के परिणाम आने के बाद कहीं न कहीं समाजवादी पार्टी को लगा था कि प्रदेश की उसका पीडीए का सूत्र सही परिणाम निकाल रहा है। अब जनता को कहीं न कहीं पार्टी पिछड़ा, दलित औऱ अल्पसंख्यक का फिर से विश्वास जीतना चाहती है, जिसके लिए मछली शहर से सांसद प्रिया सरोज के चेहरे पर विश्वास जताया गया है। 

मिल्कीपुर के मैदान में कौन ? 
मिल्कीपुर विधानसभा सीट अवधेश प्रसाद के सांसद बनने के बाद खाली हुई थी। अब उस सीट पर उन्हीं के बेटे अजीत प्रसाद सपा प्रत्याशी हैं। वहीं, भाजपा ने चंद्रभान पासवान  पर भरोसा जताया है। दोनों एक ही जाति से आते हैं। अजीत प्रसाद को लेकर भाजपा परिवारवाद के नारे के साथ मिल्कीपुर में सपा को घेर रही है। अवधेश प्रसाद का गढ़ मानी जानेवाली इस सीट पर भाजपा की कोशिश कब्जा जमाने की है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Imran

Related News

static