ढाई करोड़ के फर्जीवाडे का पर्दाफाशः पुलिस के हत्थे चढ़ा ग्राहक सेवा केंद्र का संचालक

punjabkesari.in Saturday, May 20, 2017 - 12:36 PM (IST)

बहराइचः नवाबगंज और अगैया में स्टेट बैंक आफ इंडिया से संबद्ध ग्राहक सेवा केंद्र का संचालन करने वाला युवक साल भर पूर्व 150 से अधिक ग्राहकों का पैसा लेकर फरार हो गया था। इस मामले में ग्राहक सेवा केंद्र को सीज कर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। इसके बाद नवाबगंज पुलिस ने ढाई करोड़ के फर्जीवाड़े के आरोपी को बेलवाभारी बस अड्डे से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

150 ग्राहकों की जमा पूंजी लेकर हुआ था चंपत
दरअसल नानपारा कस्बा के मोहल्ला तोपखाना निवासी मोहम्मद सिद्दीक पुत्र मोहम्मद शफीक ने स्टेट बैंक आफ इंडिया के सहयोग से नवाबगंज और अगैया कस्बे में ग्राहक सेवा केंद्र का संचालन 2 वर्ष पूर्व शुरू किया था। लेकिन वर्ष 2016 के जनवरी माह में वह दोनों सेवा केंद्रों को बंद कर 150 से अधिक ग्राहकों की लगभग ढाई करोड़ रुपए की जमा पूंजी लेकर रातों रात चंपत हो गया था। इस मामले में स्टेट बैंक आफ इंडिया के अधिकारियों ने जांच करने के बाद मोहम्मद सिद्दीक के खिलाफ नवाबगंज और नानपारा में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था।

मुखबीर ने दी थी सूचना, पुलिस के हत्थे चढ़ा सिद्दीक
सिद्दीक के फरार होने के बाद से पुलिस उसे निरंतर पकड़ने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल रहा था। इस पर दीवानी न्यायालय से नवंबर 2016 में आरोपी सिद्दीक के खिलाफ कुर्की का आदेश हुआ। तब से पुलिस निरंतर नजर बनाए हुई थी। थानाध्यक्ष सूरज प्रसाद ने बताया कि बीती सुबह मुखबीर द्वारा सिद्दीक के बेलवाभारी बसअड्डे के निकट होने की सूचना मिली। इस पर घेराबंदी कर उसे दबोच लिया गया। थानाध्यक्ष ने बताया कि आरोपी का बयान दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया है।

टीम को मिलेगा 5 हजार का इनाम
ढाई करोड़ का फर्जीवाड़ा कर फरार हुए मोहम्मद सिद्दीक के खिलाफ पुलिस विभाग की ओर से पांच हजार रुपये इनाम की घोषणा की गई थी। गिरफ्तारी के बाद अब इनाम की राशि नवाबगंज पुलिस को मिलेगी।

ऐसे किया था फर्जीवाड़ा
नानपारा निवासी मोहम्मद सिद्दीक ने नवाबगंज कस्बा व अगैया में फ्रेंचाइजी के तहत ग्राहक सेवा केंद्र खोलकर लोगों के खाते खोले। उपभोक्ताओं की ओर से खाते में जमा करने के लिए जो पैसे दिया जाता था। उसे  सिद्दीक उनकी पासबुक पर तो चढ़ा देता था। लेकिन एसबीआई मुख्यालय पर जमा नहीं करता था। इसी के तहत उसने साल भर में ढाई करोड़ की रकम इकट्ठा की।