कानपुर: बिरोहा गांव में फैला मिनी विकास दुबे का आतंक! IG से बाेले ग्रामीण- साहब हमें बचा लो

punjabkesari.in Saturday, Sep 12, 2020 - 03:57 PM (IST)

कानपुर: उत्तर प्रदेश कानपुर के चर्चित बिकरू कांड के दुर्दांत आरोपी विकास दुबे का तो अंत हो गया लेकिन अब लोगों को मिनी विकास दुबे का खौफ सताने लगा है। लोग अब मिनी विकास के नाम से दहशत में जीने को मजबूर हो गए हैं। इसी बीच बिरोहा गांव के ग्रामीणों ने आईजी के पास पहुंचे। कहा- साहब, विकास दुबे तो नहीं रहा, मगर मिनी विकास दुबे से हमको बचा लीजिए। आईजी ने ग्रामीणों की समस्या सुनी और मामले में जांच कराने के साथ ही कठोर कार्रवाई का आश्वासन दिया।

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गुड्डन त्रिवेदी और विकास दुबे का खास है मिनी विकास दुबे
बता दें कि बिरोहा गांव से रानी पांडेय, अंकित पांडेय, संतोष अग्निहोत्री, कमला दिवाकर आदि ग्रामीण आईजी रेंज मोहित अग्रवाल के पास पहुंचे। ग्रामीणों ने नम आखों से आईजी से कहा कि बिरोहा गांव का एक रसूखदार खुद को मिनी विकास दुबे कहता है। जो गुड्डन त्रिवेदी और विकास दुबे का खास है। उनके दमपर उसने गांव में कई लोगों की जमीनों पर कब्जा कर रखा है। इतना ही नहीं उसके सहयोगी पूरे गांव में घूमकर अवैध वसूली करते हैं। जब भी कोई उनके खिलाफ आवाज उठाता है तो गुर्गा और उसके सहयोगी उसी के खिलाफ फर्जी एफआईआर दर्ज करा देते हैं।

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ग्रामीणों की आखों से मिनी विकास के खौफ का छलका दर्द
ग्रामीणों की नम आखें साफ तौर कह रही थी कि मिनी विकास दुबे का खौफ किस कदर उन पर हाबी था। जिसके बाद आईजी रेंज मोहित अग्रवाल ने पूरा मामला सुनने के साथ ही अधिकारियों से मामले में जांच कर कठोर कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया है। उसके बाद ग्रामीण वहां से लौट गए।

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जानिए पूरा मामला
गौरतलब हो कि 2 जुलाई की रात को बिकरू गांव में विकास दुबे के घर दबिश देने पहुंची पुलिस की टीम पर घात लगाकर बैठे बदमाशों ने हमला कर दिया था। जिसमें सीओ देवेंद्र मिश्रा सहित आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। यूपी एसटीएफ ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए विकास दुबे सहित उसके पांच साथियों को मुठभेड़ में मार गिराया था। अभी तक पुलिस इस मामले में 21 लोगों को जेल भेज चुकी है। विकास के 7 साथी सरेंडर कर चुके हैं। वहीं इस घटना में शामिल कुछ बदमाश अभी तक फरार चल रहे हैं। जिन्हें ढूंढने के लिए यूपी एसटीएफ की कई टीमें लगी हुई हैं।


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Umakant yadav

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