योगी सरकार में मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने अखिलेश और जयंत का उड़ाया मजाक, गठबंधन को बताया अवसरवादी

punjabkesari.in Tuesday, Dec 07, 2021 - 07:51 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने मंगलवार को मेरठ में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोक दल प्रमुख जयंत चौधरी की संयुक्त रैली का मजाक उड़ाते हुए उन्हें खुली चुनौती देते हुए कहा कि वे एक दूसरे के गढ़ से चुनाव लड़ कर दिखायें। उन्होंने उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों के लिए सपा-रालोद गठबंधन को "अवसरवादी" करार दिया। उत्तर सरकार में डेयरी विकास, पशुपालन, मत्स्य पालन मंत्री चौधरी ने सपा-रालोद गठबंधन की तुलना ‘‘एक बैल और एक नर भैंस'' के बीच की। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि कौन बैल है और कौन नर भैंस।

चौधरी ने कहा,"यह गठबंधन (सपा-रालोद) विशुद्ध रूप से एक अवसरवादी गठबंधन है, और यह किसी के भी राजनीतिक उद्देश्य को पूरा नहीं करेगा। मैं गठबंधन के दोनों नेताओं को एक खुली चुनौती देता हूं। यदि उनके बीच आपसी राजनीतिक समझ है, तो जयंत (चौधरी) को इटावा, मैनपुरी, एटा, फर्रुखाबाद या आजमगढ़ से चुनाव लड़ना चाहिए, और अखिलेश (यादव) को आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव छपरौली, बागपत या राज्य के मेरठ संभाग की किसी भी विधानसभा सीट से लड़ना चाहिए। इससे गठबंधन के बारे में सभी संदेह अपने आप दूर हो जाएंगे।'' उन्होंने कहा, "रालोद के मतदाता कभी भी सपा को वोट नहीं देंगे और इसी तरह सपा के मतदाता रालोद को वोट नहीं देंगे। यह गठबंधन राज्य के लोगों के हित में नहीं है, बल्कि निजी हितों के लिए है।" यह पूछे जाने पर कि क्या उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद भी यह गठबंधन जारी रहेगा, मंत्री ने कहा, "गांवों में एक कहावत है कि एक बैल और एक नर भैंस का उपयोग करके खेत की जुताई करना कभी सफल नहीं होता।'

 उन्होंने कहा, ‘‘जब रालोद, भाजपा की मदद से लोकसभा चुनाव (2009) लड़ रही थी, और मथुरा में मतगणना चल रही थी, वर्तमान रालोद प्रमुख (जयंत) मथुरा से चुनाव लड़ रहे थे जबकि तत्कालीन रालोद प्रमुख (अजीत सिंह) बागपत से चुनाव लड़ रहे थे। लेकिन मतगणना समाप्त होने से पहले ही, उन्होंने सोनिया गांधी के साथ तस्वीरें खिंचवाईं, और अंततः कांग्रेस के साथ चले गए।'' चौधरी ने रालोद की तुलना "राजनीतिक भस्मासुर" के रूप से करते हुये कहा, "पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की मृत्यु के बाद, जिस राजनीतिक दल ने रालोद के साथ गठबंधन किया, उसका अस्तित्व गंभीर खतरे में आ गया।" गौरतबल है कि मेरठ की रैली में जयंत चौधरी और अखिलेश यादव ने आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए रालोद-सपा के गठबंधन की औपचारिक घोषणा की। 


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Content Writer

Ramkesh

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