मुजफ्फरनगर दंगे से पहले पंचायत में शामिल हुए बीजेपी मंत्री कपिल देव, हिंदूवादी नेत्री साध्वी प्राची समेत सभी को कोर्ट से मिली जमानत

punjabkesari.in Tuesday, Sep 27, 2022 - 09:24 PM (IST)

मुजफ्फरनगरः उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद स्थित न्यायालय में मंगलवार को बीजेपी मंत्री ओर विधायक सहित कई लोगों ने धारा 144 के उल्लंघन के सेक्शन 188 में सरेंडर कर अपनी अपनी बेल अर्जी लगाई थी। जिसके चलते कोर्ट ने इन सबकी बेल को मंजूरी कर इन्हें जमानत दे दी है।

दरअसल आपको बता दें कि पहले 13 अगस्त को नगला मंदौड़ में एक पंचायत का आयोजन किया गया था। जिसके चलते जिला प्रशासन ने जनपद में धारा 144 लगाई हुई थी।जिस का उल्लंघन करते हुए उस समय इस पंचायत में उत्तर प्रदेश के स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल जनपद की खतौली विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक विक्रम सैनी हिंदूवादी नेत्री साध्वी प्राची सपा नेता हरेंद्र मलिक पूर्व एमपी सोनवीर सिंह पूर्व बीजेपी विधायक अशोक कंसल और यशपाल पवार सहित कई लोगों ने इस पंचायत में हिस्सा लिया था।  जिसके चलते पुलिस प्रशासन द्वारा इस मामले में धारा 144 के सेक्शन 188 में इन सबके सहित कुल 25 लोगों को नामजद किया था। लेकिन इन सभी के द्वारा न्यायालय में पेश ना होने के चलते  इन सभी के कोर्ट द्वारा गैर जमानती वारंट जारी किए गए थे।  जिसके चलते आज इन लोगों ने कोर्ट में सिलेंडर करते हुए अपनी बेल अर्जी लगाई थी जिसको न्यायालय ने मंजूर कर इन सभी को बेल दे दी है।



ये नेता हुए कोर्ट में पेश
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए सरकारी अधिवक्ता राजीव शर्मा ने बताया की वर्ष 2013 में 31 अगस्त को एक पंचायत नगला मंदौड़ मैं आयोजित की गई थी। जिसमें जिला प्रशासन द्वारा 144 लागू करी गई थी इस संबंध में आज माननीय मंत्री कपिल देव अग्रवाल जी पूर्व बीजेपी विधायक अशोक कंसल जी यशपाल पवार जी पूर्व एमपी सोनवीर सिंह जी सपा नेता हरेंद्र मलिक जी हिंदूवादी नेत्री साध्वी प्राची जी यह सब लोग आज कोर्ट में पेश हुए थे इन्होंने कोर्ट में पहले सरेंडर एप्लीकेशन डाला उसके बाद बेल पर इनकी सुनवाई हुई शासन की ओर से लोक अभियोजन ने अपना पक्ष रखा दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं को सुनने के बाद बेलेबल सेक्शन था इसलिए माननीय न्यायालय ने इन लोगों की बेल मंजूर कर ली है। सामान्य प्रक्रिया है जो भी अभियुक्त सरेंडर करता है तो जब तक बेल पर सुनवाई होती है तब तक वह न्यायिक अभिरक्षा में रहता ही है यह वर्ष 2013 का निषेधाज्ञा से जुड़ा हुआ मामला है सेक्शन 188 का यह बेलेबल सेक्शन था इसलिए माननीय न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनते हुए इस मामले में बेल मंजूर की है और बेल पर इन सब लोगों को छोड़ा गया है इस मामले में 25 लोगों को नामजद किया गया था जिसमें लगभग 10 या 12 लोगों की बेल हो चुकी है अभी बाकी लोग बचे हुए हैं उनकी बेल होनी है।

Content Writer

Ajay kumar