श्रमिक सामूहिक विवाह में सात वचन पर भारी पड़ा मंत्रियों का भाषण

punjabkesari.in Saturday, Dec 09, 2017 - 07:43 PM (IST)

इलाहाबाद: श्रमिकों के बेटे-बेटियों के लिए आज यहां आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रियों का भाषण सात वचन पर भारी रहा और विवाह के दौरान चार वचन ही पूरे हुए थे कि मंच संचालक ने कार्यक्रम बीच में ही रोककर मंत्रियों के स्वागत एवं भाषण का कार्यक्रम शुरू कर दिया।

उत्तर प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्रालय द्वारा आज यहां परेड ग्राउंड पर 204 जोड़ों के सामूहिक विवाह का कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’, प्राविधिक शिक्षा एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन, श्रम राज्यमंत्री मनोहर लाल और कई विधायक शामिल हुए।

इन मंत्रियों का स्वागत एवं भाषण का कार्यक्रम करीब डेढ़ घंटे तक चला और इस दौरान वर-वधु एवं उनके परिजन श्रोता की भूमिका में नजर आए। मंत्रियों का भाषण खत्म होने के बाद विवाह का कार्यक्रम किसी तरह पूरा कर लिया गया।  शादी का कार्यक्रम बीच में रोके जाने के संबंध में श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य से पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘कार्यक्रम आखिरकार पूरा हो गया। सब ठीक है।’’ 

वहीं जिले के उप श्रमायुक्त राकेश द्विवेदी ने विवाह कार्यक्रम बीच में रोके जाने पर टिप्पणी करने से इनकार किया। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र स्थित भिखारी बाबा आश्रम से 11 पंडितों की मंडली लेकर विवाह कराने आए आचार्य संतोष धर द्विवेदी ने कहा, ‘‘विवाह कार्यक्रम समाप्त होने में 20-22 मिनट शेष रह गया था। यदि भाषण कार्यक्रम थोड़ी देर बाद शुरू होता तो विवाह कार्यक्रम पूर्ण हो जाता।’’  इस सामूहिक विवाह के लिए 204 दूल्हों की बारात, बैंड बाजे के साथ तो निकली, लेकिन किसी भी दूल्हे को घोड़ी पर बैठना नसीब नहीं हुआ और सभी दूल्हे पैदल चलकर आयोजन स्थल तक आए। हालांकि बारात के आगे एक हाथी और एक घोड़ा चल रहा था।

उल्लेखनीय है कि श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों के बेटे-बेटियों के लिए आयोजित इस सामूहिक विवाह कार्यक्रम के अंतर्गत बेटी के माता या पिता के खाते में 55,000 रुपये डाले जाएंगे जिससे कि वे अपनी बेटी को दैनिक जरूरत की चीजें खरीदकर उन्हें उपहार स्वरूप दे सकें। इस कार्यक्रम में इलाहाबाद, कौशांबी, फतेहपुर और प्रतापगढ़ से श्रमिकों के बेटे-बेटियों का विवाह वैदिक रीति रिवाज से संपन्न कराया गया।