Loksabha Election 2019: एक नजर मिर्ज़ापुर लोकसभा सीट पर

punjabkesari.in Saturday, May 18, 2019 - 02:18 PM (IST)

विंध्य की पहाड़ियों और मां विंध्याचल की गोद में बसा मिर्जापुर आर्थिक, सामरिक और पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। 1989 में प्रदेश के सबसे बड़े जिले सोनभद्र से अलग कर मिर्ज़ापुर को बनाया गया। इस जिले से गंगा नदी गुजरती है। नदी के एक तरफ वाराणसी का इलाका तो दूसरी तरफ शहर मिर्ज़ापुर बसता है। जिला मुख्यालय से कुछ दूरी पर ही मां विंध्याचल देवी का पौराणिक स्थल है। साथ ही चंद्रकांता का मशहूर किला चुनारगढ़ भी इसी जिले में मौजूद है। इसके अलावा मिर्ज़ापुर पीतल उद्दोग के लिए भी पूरी दुनिया में मशहूर है। यहां बनने वाले पीतल के बर्तन दूर-दूर तक जाते हैं। इसके अलावा इस जिले में चीनी मिट्टी से बने बर्तन भी काफी मशहूर है। इसके अलावा इस लोकसभा क्षेत्र के वाराणसी और इलाहाबाद से सटे होने के कारण इसका राजनैतिक महत्व काफी बढ़ जाता है।

बात करें इस सीट के राजनैतिक इतिहास कि तो इस सीट पर 1957 में हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के जे एन विल्सन सांसद चुने गए। वहीं 1962 के चुनाव में कांग्रेस के श्यामधर मिश्रा सांसद बने। 1967 के चुनाव में भारतीय जनसंघ के वी नारायण सांसद बने। वहीं 1971 में हुए चुनाव में कांग्रेस के अजीम इमाम सांसद बने। 1977 के चुनाव में भारतीय लोकदल के फाकिर अली यहां से सांसद बने। वहीं 1980 में कांग्रेस ने यहां वापसी कि और अजीम इमाम यहां से सांसद बने। 1984 के चुनाव में कांग्रेस के उमाकांत मिश्रा यहां से चुनाव जीते। 1989 के चुनाव में जनता दल से युसा बेग ने चुनाव जीता। 1991 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के बीरेंद्र सिंह चुनाव जीते। 1996 के चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर फूलन देवी जीत कर संसद पहुंची। 1998 के चुनाव में बीजेपी के बीरेंद्र सिंह दुबारा सांसद बने। 1999 के चुनाव में सपा से फूलन देवी दुबारा सांसद बनी। वहीं 2004 के चुनाव में बसपा से नरेंद्र कुमार कुशवाहा सांसद बने। 2009 के चुनाव में सपा से बालकुमार पटेल चुनाव जीत कर संसद पहुंचे। 2014 में बीजेपी और अपना दल सोनेलाल पटेल गुट का यहां गठबंधन हुआ और बीजेपी ने सीट अपना दल को दे दी..यहां से अनुप्रिया पटेल जीत कर संसद पहुंची।

2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और अपना दल गठबंधन कोटे से सीट अपना दल के पास है और अनुप्रिया पटेल चुनावी मैदान में हैं। वहीं गठबंधन के कोटे से सपा ने राम चरित्र निषाद को चुनावी मैदान में उतारा है। साथ ही कांग्रेस से युवा नेता ललितेश पति त्रिपाठी चुनावी मैदान में हैं।

मिर्जापुर में आती हैं 5 विधानसभा सीटें:-

बात करें विधानसभा सीटों कि तो इस लोकसभा क्षेत्र में 5 विधानसभा सीटें आती हैं। छानबे, मिर्जापुर, मड़िहान, चुनार और मझवां विधानसभा सीटें हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में 4 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। छानबे सुरक्षित सीट पर बीजेपी गठबंधन अपना दल ने चुनाव लड़ा और जीता..इस तरीके से सभी सीटें बीजेपी के पास ही है।

जानिए, मिर्जापुर से कितने मतदाता करेंगे मत का प्रयोग:- 

2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में मिर्ज़ापुर सीट पर कुल 18 लाख 23 हज़ार 860 वोटर अपने मत का प्रयोग करेंगे। जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 9 लाख 61 हज़ार 638 है। जबकि महिला वोटरों की संख्या 8 लाख 62 हज़ार 65 है। वहीं ट्रांस जेंडर वोटरों की संख्या 157 है।

2014 के लोकसभा चुनाव में अपना दल की अनुप्रिया पटेल जीती:-

मिर्ज़ापुर लोकसभा सीट पर 2014 के लोकसभा चुनाव में अपना दल से अनुप्रिया पटेल चुनाव जीत कर संसद पहुंची। अनुप्रिया पटेल को कुल 4 लाख 36 हज़ार 536 वोट मिले। दूसरे नंबर पर बसपा से समुद्र बिंद रहे। समुद्र बिंद को कुल 2 लाख 17 हज़ार 457 वोट मिले। तीसरे नंबर पर कांग्रेस से ललितेश पति त्रिपाठी रहे। ललितेश को कुल 1 लाख 52 हज़ार 666 वोट मिले।

2009 के लोकसभा चुनाव में सपा ने बाजी मारी:-

2009 के लोकसभा चुनाव में सपा से बालकुमार पटेल चुनाव जीत कर संसद पहुंचे। बालकुमार पटेल को कुल 2 लाख 18 हज़ार 898 वोट मिले। दूसरे नंबर पर बसपा के अनिल कुमार मौर्य रहे। अनिल को कुल 1 लाख 99 हज़ार 216 वोट मिले। तीसरे नंबर पर बीजेपी के अनुराग सिंह रहे।अनुराग को कुल 1 लाख 19 हज़ार 686 वोट मिले।

2004 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने लहराया परचम:-

2004 के लोकसभा चुनाव में बसपा से नरेंद्र कुमार कुशवाहा यहां से चुनाव जीत कर संसद पहुंचे। नरेंद्र को कुल 2 लाख 1 हज़ार 942 वोट मिले। दूसरे नंबर पर बीजेपी से बीरेंद्र सिंह रहे। बीरेंद्र को कुल 1 लाख 65 हज़ार 530 वोट मिले। तीसरे नंबर पर सपा से शारदा प्रसाद रहे...शारदा को कुल 1 लाख 58 हज़ार 11 वोट मिले।

 

Tamanna Bhardwaj