मिशन 2022ः ब्राहम्णों को पक्ष में करने के लिये बसपा का वर्चुअल संवाद

punjabkesari.in Tuesday, Aug 11, 2020 - 03:29 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में ब्राहम्णों को अपने पक्ष में करने की शुरू हुई राजनीति के तहत बहुजन समाज पार्टी अब उनके साथ वर्चुअल संवाद करेगी। अयोध्या मे पिछले पांच अगस्त को राम मंदिर का भूमि पूजन होने के बाद अचानक ब्राहम्ण को लेकर सियासत तेज हो गई।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता में आने पर भगवान परशुराम की राजधानी लखनऊ में 108 फिट लंबी प्रतिमा लगाने की घोषणा की तो बसपा प्रमुख मायावती ने भी कह दिया कि उनकी पार्टी भी परशुराम की प्रतिमा लगायेगी जो सपा से ज्यादा ऊंची होगी। इसके अलावा प्रतिमा के पास ही एक अस्पताल भी होगा। विधानसभा के 2007 के चुनाव में दलित ब्राहम्ण गठजोड़ से बसपा ने सत्ता पाई थी और इसे सोशल इंजीनियरिंग का नाम दिया था। विधानसभा के 2022 में होने वाले चुनाव में बसपा उस प्रदर्शन को दोहराना चाहती है।

मायावती ने अपना चुनावी एजेंडा तय कर दिया है। एजेंडे के आधार पर ब्राहम्णों के अलावा पार्टी मुसलमानों ओर पिछडों को भी जोड़ेगी। उन्होंने अपने सेक्टर प्रभारियों को ब्राहम्णों को जोड़ने के लिये उनसे वर्चुअल संवाद तेज करने को कहा है। मायावती अपने मुख्य संगठन में ज्यादातर दलित और पिछडों को ही रखती हैं लेकिन इस बार संगठन का आकार बड़ा किया गया है और इसमें सवर्णों को भी रखा गया है। विधानसभा स्तर तक सचिव बनाये गये हैं।

 

 

Ajay kumar