प्रशिक्षण में जितना पसीना बहायेंगे, फील्ड में उतना ही कम खून बहाना पड़ेगा: योगी

punjabkesari.in Wednesday, Aug 28, 2019 - 09:25 AM (IST)

सुल्तानपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशिक्षु आरक्षियों से कहा कि आप प्रशिक्षण में जितना पसीना बहाओगे, फील्ड में उतना ही कम खून बहाना पड़ेगा। योगी ने मंगलवार को यहां पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय का लोकार्पण के समय यह बात कही। इस अवसर पर प्रथम बैच प्रशिक्षु आरक्षियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आप लोग प्रशिक्षण में जितना पसीना बहायेंगे, फील्ड में उतना ही कम खून बहाना पड़ेगा। पुलिस सेवा में यह भी दायित्व है कि जितनी मेहनत से प्रशिक्षण प्राप्त करें, उतना ही सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त करने में भी करें। यदि मेहनत से परहेज करेंगे, तो आगे बधायें आयेगी। देश के सबसे पुलिस बल से जुड़ने का सौभाग्य मिला है, तो मेहनत से प्रशिक्षण प्राप्त करें।       

उन्होंने कहा कि बदलते परिवेश में सोशल मीडिया, साइबर क्राइम व अन्य अपराधों की स्थिति से निपटने के लिये खुद को बदलते हुए नयी परिस्थितियों के अनुरूप रहें। इस ओर इमानदार नहीं रहेंगे, तो प्रदेश के 23 करोड़ जनता के प्रति गैरजवाबदेही होगी। विगत वर्षों में प्रदेश पुलिस ने तीन बड़े मुख्य कार्यक्रम पहला एक जनवरी से 4 मार्च तक प्रयागराज में भव्य कुम्भ का आयोजन, दूसरे वाराणसी में भारतीय अप्रवासी दिवस (एनआरआई) के आयोजन तथा तीसरा लोकसभा चुनाव सकुशल सम्पन्न कराये गये। जिसमें पुलिस के अच्छे व्यवहार की प्रशंसा हुई है। एनआरआई ने भी पुलिस के अच्छे व्यवहार की प्रशंसा की है। 

योगी ने कहा कि ये तीनों आयोजन पुलिस दक्षता के प्रमाण हैं। पुलिस भर्ती में पारदर्शी प्रक्रिया अपनायी गयी है जिससे आप सभी पुलिस का भाग बने है। यह आधुनिक भारत की पुलिस है, अत: आप बेहतर प्रयास कर आगे बढ़े और सामान्य जीवन में भी और अच्छा व्यवहार एवं दक्षता बनाये रखें। अच्छा व्यवहार हमारे जीवन का हिस्सा बने तभी हम अपने दायित्वों को पूर्ण कर सकेंगे। इस मौके पर पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने कहा गया कि वर्ष 2018 में प्रदेश में पहली बार 30 हजार आरक्षियों का प्रशिक्षण पूर्ण हुआ। पहली बार मुख्यमंत्री द्वारा एक साथ 92 प्रशिक्षण केन्द्रों पर वर्चुवल क्लास के माध्यम से 30 हजार प्रशिक्षुओं को सम्बोधित किया गया। 

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी पुलिस के प्रति गम्भीरता का द्योतक है कि पुराने पाठ्यक्रम को उनकी प्रेरणा से अद्यावधिक किया गया तथा पहली बार नये पाठ्यक्रम में सोशल मीडिया, साइबर क्राइम एवं योगा के पाठ्यक्रम को भी सम्मिलित किया गया है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में पहली बार तनाव प्रबन्धन एवं अभिव्यक्ति की कक्षाएं भी आरम्भ की गयी हैं तथा आचरण एवं व्यवहार में और अधिक सुधार का प्रयास किया गया, जिससे आशाजनक परिणाम प्राप्त हुए है। भविष्य में लगभग 42 हजार आरक्षियों को भर्ती के पश्चात् ट्रेनिंग सेन्टरों के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाना प्रस्तावित है। साथ ही साथ गुणवत्ता सुधार के लिए फारेसिंक एवं पुलिस विश्वविद्यालय लखनऊ में स्थापित किया जायेगा, जहॉ पर पुलिस कर्मी प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे जिससे पुलिस की प्रशासनिक एवं व्यवहारिक क्षमता में वृद्धि होगी।

 

 

Ajay kumar