उन्नाव हादसे से कटघरे में सरकारी तंत्र, साढ़े चार वर्ष में 96 हजार से ज्यादा लोगों ने गंवाई जान
punjabkesari.in Thursday, Jul 11, 2024 - 11:08 AM (IST)

लखनऊ: उन्नाव में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर बुधवार को तड़के दूध टैंकर में टकराने के बाद डबल डेकर बस में सवार 18 लोगों की मौत हो गई जबकि 19 लोग घायल हो गए। यात्रियों की मौत के बाद अब सड़क सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। यातायात निदेशालय के आंकड़ों के अनुसार साल दर साल हादसों और इससे होने वाली मौतों में वृद्धि हुई है। जिस गति से सड़कें बन रही है, उससे दोगुनी गति से वाहनों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। ऐसी स्थिति में यातायात विभाग दुर्घटनाओं को रोक पाने में असफल साबित हो रहा है। अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जनवरी 2021 से जून 2024 तक (साढ़े चार वर्षों में) हुई सड़क दुर्घटनाओं में 96 हजार से ज्यादा लोगों की मृत्यु हो चुकी है। एक लाख 20 हजार से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। उक्त वर्षों में एक लाख 76 हजार सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। सड़क हादसों को रोकने को भारी-भरकम स्टाफ कार्य कर रहा है। लेकिन, आए दिन हो दुर्घटनाएं सरकारी तंत्र को कटघरे में खड़ा कर रही हैं।
खुले कट्स हादसों का बड़ा कारण:
जिलों से निदेशालय पहुंच रही रिपोर्ट पर गौर किया जाए तो सामने आ रहे हैं। चौराहों पर विद्युत डिवाइडर पर खुले कट्स हादसों के व्यवस्था न होना। सिंगल और डबल लिए सबसे बड़े कारणों के रूप में लेन सड़क भी असुरक्षित हैं।
दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गएः एडीजी यातायात
एडीजी यातायात के. सत्यनारायण ने बताया कि यातायात व सड़क सुरक्षा को लेकर विभाग जिस तरह से काम कर रहा, उसका परिणाम एक-दो महीने में देखने को मिलेगा। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। जिलों के अधिकारियों के साथ बैठके भी की जा रही हैं। प्रचार के माध्यम से लोगों को जागरूक सकारात्मक भी किया जा रहा है। कुछ नई योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। जल्द ही परिणाम सामने आएंगे।
टूरिस्ट परमिट पर चल रही बसें, जिम्मेदार मौन
दूरिस्ट परमिट पर डबल डेकर बसें धड़ल्ले से चल रही हैं। इन बस संचालकों पर न नियम लागू हो पा रहा न ही कोई कार्रवाई हो पा रही है। डबल डेकर बसै दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण बन रहीं हैं। जानकारी के अनुसार मुरादाबाद के एक व्यावसायी इन बसों को चलवा रहे हैं। यह बसें नेपाल बार्डर से जुड़े जिलों से चलकर पंजाब, दिल्ली और गुजरात तक जाती है। लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं करता है। बहराइच, बलरामपुर, श्रवस्ती आदि जनपदों से भी यह बसें लगातार चल रही है।
वर्ष |
कुल हादसे | घायलों की संख्या | मृतकों की संख्या |
2020 | 34200 | 22400 | 19100 |
2021 | 37710 | 24800 | 21000 |
2022 | 41740 | 28500 | 22500 |
2023 | 44500 | 31000 | 23600 |
2024 (जून तक) | 18680 | 13600 | 10000 |