बेटे-बहू को घर से बेदखल करने पर मां ने ली हाइकोर्ट की शरण

punjabkesari.in Wednesday, Feb 28, 2018 - 11:24 AM (IST)

इलाहाबादः सनातन नगर कालोनी वाराणसी निवासी कंचन देवी ने अपने ही बेटों और बहू को घर से बेदखल कराने की मांग को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की शरण ली है। मां की पुकार पर उच्च न्यायालय ने जिलाधिकारी वाराणसी के कैंट पुलिस द्वारा जबरन समझौता कराने की जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।

बेटे-बहू को नोटिस तामील कर रिपोर्ट पेश करें: न्यायालय
न्यायालय ने बेटे और बहू जितेन्द्र सेठ, शिवम सेठ एवं गुड़िया सेठ को नोटिस जारी कर 20 मार्च को न्यायालय में तलब किया है। न्यायालय ने सीजेएम वाराणसी से बेटे-बहू को नोटिस तामील कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है। न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी तथा न्यायमूर्ति अजय भनोट की खण्डपीठ ने कंचन देवी और 2 बेटियों की याचिका की सुनवाई करते हुए यह अदेश दिया। याचिका पर अधिवक्ता असीम कुमार राय ने बहस की।

बेटे-बहू को उसके घर से किया जाए बेदखल 
याची अधिवक्ता का कहना है कि बेटे और बहू को उसके घर से बेदखल किया जाए। विधवा याची अपनी बेटियों के साथ स्वयं के मकान में रह रही है। महिला के पति की 29 जुलाई, 2006 को मौत हो चुकी है। उसने जमीन का बैनामा कराकर मकान बनवाया है। मां का आरोप है कि उसके बेटे बहू उसके मकान में घुस आए हैं और वे उसी को ही मकान से बेदखल करना चाहते हैं। याची ने जिलाधिकारी से शिकायत की। कैंट पुलिस के दरोगा ने याची से जबरन एक समझौते पर हस्ताक्षर करा लिया।

अगली सुनवाई 20 मार्च को करेगा न्यायालय 
न्यायालय को बताया गया कि घरेलू हिंसा के मामले में सरकार अपीलीय अधिकरण गठित नहीं कर सकी है। उच्च न्यायालय इस मामले की श्रीकृष्ण अग्रवाल केस में मॉनीटर कर रही है। सरकारी वकील से जानकारी मांगी गई है किन्तु जो जानकारी दी गई न्यायालय ने उसे संतोषजनक नहीं माना। पुलिस ने कहा कि पक्षों के बीच समझौता हो चुका है, जिसे याची ने जबरन समझौता बताया। न्यायालय याचिका पर अगली सुनवाई 20 मार्च को करेगी।