हनुमान जी को नहलाकर वापस लौटी मां गंगा, 12 दिन बाद जलस्तर हुआ कम तो खोले गए मंदिर के कपाट

punjabkesari.in Wednesday, Aug 18, 2021 - 10:48 AM (IST)

प्रयागराज: यूपी के प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों में आई ज़बरदस्त बाढ़ की वजह से दो हफ्ते तक बंद रहे संगम तट स्थित लेटे हुए हनुमान जी के मंदिर के कपाट एक बार फिर से श्रद्धालुओं के दर्शन पूजन के लिए खोल दिए गए हैं।

बाढ़ का पानी हटने के बाद मंदिर कैंपस की सफाई की गई, जिसके बाद अब मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। मंदिर खुलने के बाद सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे और हनुमान जी का दर्शन करके पूजा पाठ की।
मान्यताओं के मुताबिक कहा गया है कि जिस साल दोनों नदियां हनुमान जी को नहलाती हैं, उस साल प्रयागराज समेत पूरे देश में किसी तरह की आपदा नहीं आती है। इसलिए यहां के लोग बाढ़ का बेसब्री से इंतजार किया करते हैं। 

प्रयागराज में आई बाढ़ अब सिमटने लगी है या कहें कि जलस्तर तेजी से कम हो रहा है, जिसकी वजह से तकरीबन 2 हफ्ते बाद संगम तट स्थित ऐतिहासिक हनुमान मंदिर खुलने के पहले ही दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ नज़र आई। इस मौके पर मौजूद श्रद्धालु भक्ति भाव में डूबे हुए नजर आए।

दोबारा मंदिर खुलने पर जो भी श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए पहुंचे थे, वह काफी खुश और उत्साहित नजर आए।

श्रद्धालुओं ने खुद अपने और परिवार के सुख समृद्धि के साथ ही देश और दुनिया से कोरोना की महामारी के खात्मे के लिए खास तौर पर प्रार्थना की। दो तस्वीरों में से एक में आप साफ देख सकते है कि बीते 12 दिनों से जो हनुमान मंदिर पूरा डूबा हुआ था वहां से अब पूरी तरीके से पानी जा चुका है।

12 दिनों तक मंदिर के कपाट बंद थे और मंदिर परिसर में नाव चल रही थी, लेकिन बीते 2 दिनों से जल स्तर लगातार तेजी से कम हो रहा है, जिसके चलते आज मंदिर को दोबारा खोला गया और सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पूजा पाठ करते नजर आए। 

गौरतलब है कि प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों ही नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया था। दोनों नदियां तकरीबन एक हफ्ते तक खतरे के निशान से ऊपर बह रही थीं। नदियों में आई ज़बरदस्त बाढ़ ने संगम स्थित लेटे हुए हनुमान मंदिर को अपनी आगोश में ले लिया था।

दो हफ्ते पहले पानी ज़्यादा बढ़ने पर मंदिर को पूरी तरह बंद कर दिया गया था। गंगा और यमुना के खतरे के निशान पार करने के बाद मंदिर का की पूरी बिल्डिंग ही बाढ़ के पानी में समा गई थी और परिसर दूर-दूर तक कहीं नजर नहीं आ रहा था।

मंदिर कैंपस में तकरीबन 12 फीट ऊंचाई तक पानी भर गया था.समूची दुनिया में यह इकलौता ऐसा मंदिर है, जहां हनुमान जी लेटी हुई अवस्था में अपने भक्तों को दर्शन देते हैं।

Content Writer

Tamanna Bhardwaj