आंदोलनः बड़ी संख्या में बॉर्डर पर जुट रहे किसान, कहा- हमें खींच लाए टिकैत के आंसू

punjabkesari.in Sunday, Jan 31, 2021 - 02:53 PM (IST)

नयी दिल्ली/लखनऊः  किसान आंदोलन की कमजोर पड़ती स्थिति को लेकर भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैट का भावुक होना पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गांवों में अनेक लोगों के मन को छू गया और इनमें से कई भावुक हो गए तथा रातभर सोए नहीं। बुलंदशहर के चरौरा गांव के प्रमुख पंकज प्रधान सहित कई किसानों ने कहा, ‘‘हमारे गांव में लोग रातभर नहीं सोए। हम कैसे सो सकते थे। उनका भावुक होना हमारे दिल को छू गया।

उसी रात हम लोगों ने टिकैत जी को पानी देने के लिए प्रदर्शन स्थल गाजीपुर बॉर्डर जाना शुरू कर दिया। उनके आंसू देखकर हमारे भी आंसू आ गए।'' प्रधान सात अन्य लोगों के साथ एक कार से दोपहर बाद गाजीपुर पहुंचे। उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी जाग रहे थे, टिकैत जी को रोते हुए देख रहे थे। कुछ टीवी सेट और कुछ मोबाइल फोन पर देख रहे थे, और हम सभी को बेचैनी महसूस हुई। मैं भी आंसू बहा रहा था, और महिलाएं भी भावुक हो गईं। उनके आंसू हर किसी के मन को छू गए।''

बुलंदशहर से प्रदर्शन स्थल पर आए ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि टिकैत को भावुक होता देखकर वह भी भावुक हो गए। उन्होंने कहा, ‘‘यह अकेले उनके आंसू नहीं थे, यह हम सभी संघर्षरत किसानों के आंसू थे। इसलिए मैंने फिर से यहां आने का फैसला किया। मैं गणतंत्र दिवस ट्रैक्टर परेड के बाद वापस चला गया था, इसलिए नहीं कि मंगलवार को दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद मैंने आंदोलन में विश्वास खो दिया था, बल्कि हम केवल परेड के लिए आए थे।''

बुलंदशहर से आए अनिल चौधरी ने कहा कि 26 जनवरी को लालकिले और दिल्ली की सड़कों पर जो कुछ भी हुआ, उसने ‘‘हमारे मनोबल को ठेस पहुंचाई।'' उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, अब हम मजबूत महसूस कर रहे हैं। टिकैत जी के आंसू मुझे यहां खींच लाए। उनकी भावुक अपील मेरे गांव के हर व्यक्ति के दिल को छू रही है। हमारी एकजुटता केवल यहां से बढ़ेगी।

 

 

 

 

 

Moulshree Tripathi