इमाम हुसैन की शहादत की याद है मुहर्रम, अंगारों पर चलकर मनाया मातम

punjabkesari.in Sunday, Oct 01, 2017 - 05:10 PM (IST)

कानपुरः मुहर्रम इस्लाम धर्म में विश्वास करने वाले लोगों का एक प्रमुख त्योहार है। इस माह की उनके लिए बहुत विशेषता और महत्ता है। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार मुहर्रम हिजरी संवत का प्रथम मास है। पैगंबर मुहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन एवं उनके साथियों की शहादत की याद में मुहर्रम मनाया जाता है।

जानकारी के अनुसार शहर के ग्वालटोली क्षेत्र बीती रात मुहर्रम के मौके पर आग के मातम का आयोजन किया गया। यहां इमाम हुसैन को याद करते हुए दहकते हुए अंगारों के ऊपर दौड़कर हजारों लोगों ने मातम मनाया। जिसमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल रहे। 'या हुसैन हम ना हुए' के नारे लगाते हुए लोगों ने अंगारों पर दौड लगा दी। अंगारों से गुजरने के लिए हुसैन के चाहने वालों में होड़ देखने को मिली। इस दौरान लाखों लोग इस मातम को देखने के लिए भी इकठ्ठा हुए।

वहीं मौजूद लोगोंं से बात करने पर उन्होंने कहा कि हमारे इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत में हम लोग यह मातम मनाते है। जिसमें सैकड़ो की संख्या में लोग शामिल होते हैं। हम लोग आग के अंगारो में चल कर मातम मनाते हैं। यहां पर सैकड़ो सालो से यह मातम मनाया जाता है। दुनिया के विभिन्न धर्मो के बहुत से त्योहार खुशियों का इजहार करते हैं, लेकिन हम मातम को इस तरह प्रकट करते है।