घमासान के बाद अब चुनावों के लिए नए सिरे से मंथन करेगी सपा

punjabkesari.in Friday, Dec 02, 2016 - 09:52 AM (IST)

लखनऊ: 2 महीने के घमासान के बाद उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी सपा आज टिकट बंटवारे तथा निष्कासित मंत्रियों और नेताआें की वापसी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर मंथन करने जा रही है। बैठक में रणनीति पर बात होगी और मुलायम परिवार के सभी दिग्गज अगले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी की चुनावी तैयारियों का खाका खींचेंगे। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के तमाम प्रयासों के बाद पार्टी और परिवार में चल रही अंर्तकलह किसी तरह समाप्त होता दिख रहा है, वरना प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले चाचा शिवपाल सिंह यादव और भतीजे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच जिस तरह बर्चस्व की लड़ाई सड़क तक पहुंच गई। उससे पार्टी की छवि पर बुरा असर पड़ा था। अब मुलायम परिवार और पार्टी एकजुट दिखना चाहते हैं ताकि जनता के बीच इसका सकारात्मक संदेश जाए और वोटों का विभाजन होने से रोका जा सके।

पार्टी के एक सूत्र ने बताया कि बैठक में टिकट बंटावारा, बर्खास्त मंत्रियों और निष्कासित सदस्यों की वापसी जैसे मुद्दों पर बातचीत की उम्मीद है। मुलायम ने हाल ही में चचेरे भाई रामगोपाल यादव के निष्कासन को रद्द कर दिया था। रामगोपाल को पूर्व में पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित किया गया था। किसी तरह का जोखिम या मत विभाजन न हो, इस मकसद से सपा निष्कासित नेताआें की वापसी पर विचार कर रही है क्योंकि विभाजन बना रहा तो भाजपा और बसपा जैसे विरोधियों को चुनाव में मदद मिल सकती है।

सपा सूत्रों ने बताया कि सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव और मुलायम के बीच सलाह मशविरे के बाद संयुक्त बैठक बुलाने का फैसला किया गया है। शिवपाल दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राज्यसभा सांसद रामगोपाल से भी मिले। शिवपाल ने सार्वजनिक रूप से रामगोपाल के पैर भी छुए ताकि संदेश जाए कि सब कुछ ठीक ठाक है और अब किसी तरह का कोई मतभेद नहीं रह गया है। रामगोपाल को निष्कासित करते समय शिवपाल ने आरोप लगाया था कि बिहार में पिछले साल महागठबंधन से सपा के बाहर होने में रामगोपाल की भूमिका थी। पार्टी आलाकमान महसूस करता है कि मुख्यमंत्री का विकास का एजेंडा ही चुनाव जिताऊ साबित हो सकता है। एेसे में एकजुटता का संदेश देना समय की जरूरत है।

UP Political News की अन्य खबरें पढ़ने के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें