मुलायम सिंह ने किया था शिलान्यास, आज बदहाली के आंसू बहा रहा ये 'राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय '

punjabkesari.in Tuesday, Jan 02, 2018 - 04:48 PM (IST)

आजमगढ़ः उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में बना राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। अस्पताल तो खुला है लेकिन ना तो उसमें चिकित्सक है और ना ही मरीज। यह अस्पताल अब केवल शोपीस बनकर रह गया है। हैरान कर देने वाली बात यह है कि इसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है। 

बता दें कि आजमगढ़ जिले का आयुर्वेदिक अस्पताल जो मुलायम सिंह का ड्रीम प्रोजेक्ट था। जिसका शिलान्यास 15 नवम्बर 1994 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव व स्वास्थ्य मंत्री बलराम यादव ने किया था। यह अस्पताल शहर के बीचो-बीच स्थित है। जो 25 शैय्या का अस्पताल है। यह अस्पताल आम आदमियों की सुविधा के लिए बना है। लेकिन आज यह अस्पताल अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। जबकि इस जिले के सांसद सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव स्वयं है। 

बताया जा रहा है कि यह अस्पताल खुला तो है, लेकिन अस्पताल में समय से चिकित्सक नहीं आते। यह अस्पताल फार्मासिस्ट के भरोसे चल रहा है। इतना ही नहीं अस्पताल में दवाएं भी मौजूद नहीं है। इस अस्पताल में एक भी मरीज भर्ती नहीं है। सभी कमरों में ताले लटक रहे हैं। करोड़ों रूपए खर्चकर बने इस अस्पताल में आखिर मरीज क्यों नही हैं। 

इस मामले में मेडिकल ऑफिसर की मानें तो इमरजेंसी सेवा में उन्हें दिक्कत है। उन्हें सब कुछ बाहर से मंगाना पड़ता है। अगर रात में कोई मरीज आता है तो ऊपर के फ्लोर पर लाइट नहीं है। अस्पताल में जनरेटर और इन्वर्टर की भी सुविधा नहीं है। उनका कहना है कि अगर वह बच्चे की डिलवरी अपने यहां कराती भी है तो उनके यहां उसकी सुविधा नहीं है। 

वहीं अस्पताल में आए मरीज का कहना है कि वह दवा लेने के लिए अस्पताल में आता है, लेकिन कभी चिकित्सक नहीं मिलते। दवा भी उसे बाहर से ही खरीदनी पड़ती है। मरीज का कहना है कि मरीज तो इस अस्पताल में आते हैं, लेकिन चिकित्सक के न रहने के कारण वह वापस चले जाते हैं। वहीं स्थानीय लोगों की मानें तो आयुर्वेदिक अस्पताल बहुत पहले का खुला है, लेकिन जो व्यवस्था होनी चाहिए जिसका लाभ मरीजों को मिलना चाहिए। कुछ हद तक नहीं मिला और सरकारी ढांचे की लचर व्यवस्था है।