अयोध्या को लेकर मुस्लिम नेताओं में लगी बयानबाजी की होड़

punjabkesari.in Thursday, Nov 09, 2017 - 01:49 PM (IST)

लखनऊः उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद अयोध्या को लेकर मुस्लिम नेताओं में बयानों की होड़ लग गई है। ये बयान ज्यादातर मंदिर निर्माण के पक्ष में आ रहे हैं। कुछ का कहना है कि अयोध्या में जो कुछ भी बने जल्दी बन जाए ताकि देश-विदेश का ध्यान अपनी ओर खींचने वाले इस विवाद का अंत हो।

राष्ट्रीय कारसेवक मंच के नाम से संगठन बनाकर अपने नाम के आगे राष्ट्रीय लिखकर हाल ही में चांदी की ईंट पर माला पहनाकर राष्ट्रीय मोहम्मद आजम खां ने मंदिर निर्माण की वकालत की। उन्होंने श्री राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष रहे दिवंगत परमहंस रामचन्द्र दास की फोटो पर नतमस्तक होकर मंदिर निर्माण का संकल्प लिया।

राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहसिन रजा कहते हैं कि अयोध्या में विवाद समाप्त होना चाहिए। वह भी मंदिर निर्माण के पक्ष में हैं। उनका कहना है कि एक बहुत बड़े समाज की आस्था का केन्द्र का विवाद समाप्त होना चाहिए। यह मंदिर निर्माण से ही संभव है। भारत का मुसलमान राष्ट्रवादी है। उसके लिए पहले देश फिर कोई अन्य चीज।

मौलाना याकूब खान का कहना है कि वैसे भी विवादित जमीन पर नमाज कबूल नहीं की जाती। बाबरी मस्जिद विवादित हो गऐ है, इसलिए वहां नमाज नहीं कबूल होगी। उस पर विवाद खत्म होना चाहिए। उस जमीन को हिन्दुओं को सौंप देना चाहिए।

शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी दो कदम आगे बढ़कर कहते हैं कि अयोध्या के विवादित धर्मस्थल पर राम मंदिर बनना चाहिए। मस्जिद का निर्माण मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में हो, लेकिन उसका नामकरण बाबर के नाम पर नहीं होना चाहिए।

अयोध्या विवाद में पक्षकार सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी कहते हैं कि इन बयानों से मुस्लिम समाज पर कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। समाज जानता है कि बयान निजी हितों को देखते हुए दिया जा रहा है। मामला उच्चतम न्यायालय में है। न्यायालय का फैसला ही अंतिम होगा। किसी के बयान देने से मुकदमें पर कोई फर्क पड़ने वाला नही है।