मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा, 3 तलाक देने वालों की सजा भी तय करे HC

punjabkesari.in Thursday, Aug 24, 2017 - 03:58 PM (IST)

लखनऊ: तीन तलाक के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। इस फैसले ने तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को जश्न मनाने का मौका दिया है। ऑल इंडिया मुस्लिम वूमेन पर्सनल लॉ बोर्ड ने 3 तलाक के मामले पर चिंता जाहिर करते हुए न्यायालय से अनुरोध किया है कि वह इसकी सजा भी तय करे। बोर्ड ने कहा है कि अपनी मांग को लेकर वह न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा।

बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अम्बर ने एक बातचीत में कहा कि उच्चतम न्यायालय ने कल ही तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित करते हुए उस पर पर रोक लगाई, लेकिन कल ही मेरठ में एक गर्भवती महिला को उसके पति ने ‘तलाक, तलाक, तलाक’ बोला और अपना रिश्ता खत्म कर लिया। अब सवाल यह है कि ऐसा करने वालों को कौन सी सजा दी जाएगी।

उन्होंने गुजारिश की कि उच्चतम न्यायालय अपने आदेश की अवहेलना करते हुए 3 तलाक देने वालों के खिलाफ सजा भी मुकर्रर करे, तभी इस पर रोक लगेगी और पीड़ितों को न्याय मिलेगा। बोर्ड इसके लिए याचिका दाखिल करके न्यायालय से अपील भी करेगा। शाइस्ता ने कहा कि अदालत ने जहां संसद से 3 तलाक को लेकर कानून बनाने को कहा है, वहीं सरकार उच्चतम न्यायालय के आदेश को ही कानून बताकर अपना पल्ला झाड़ती नजर आ रही है। कहीं ऐसा ना हो कि 3 तलाक का मामला किसी अंजाम पर पहुंचने के बजाय अधर में ही लटक जाए और मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय जारी रहे।

उन्होंने कहा कि बोर्ड को यह एहसास हो रहा है कि मौजूदा सूरतेहाल में 3 तलाक को लेकर मुस्लिम समाज सरकार और अदालत के उलझावे में फंस जाएगा। सरकार और उच्चतम न्यायालय इस मामले पर अपना रुख स्पष्ट करें, नहीं तो सड़कों पर आंदोलन किया जाएगा। शाइस्ता ने दावा किया कि मंगलवार को 3 तलाक को लेकर उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक निर्णय के चंद घंटे बाद मेरठ जिले के सरधना में एक गर्भवती महिला को उसके पति सिराज खान ने तीन तलाक दे दिया।