मुजफ्फरनगर शांत, BJP का एजेंड़ा है विकास: बालियान

punjabkesari.in Friday, Feb 03, 2017 - 02:36 PM (IST)

मुजफ्फरनगर:मुजफ्फरनगर दंगो के करीब ढाई साल बाद, वर्ष 2016 में जब तत्कालीन समाजवादी पार्टी के विधायक चितरंजन स्वरूप की मौत के बाद यहां उपचुनाव कराए गए थे, तब नेता के बेटे के पक्ष में सहानुभूति की लहर से भाजपा ने आसानी से यह सीट जीत ली थी। उस समय अनेक विश्लेषकों ने कहा था कि भगवा पार्टी अपने अभियान के जरिए सांप्रदायिक गलतियों का फायदा उठाने में सक्षम रही। यह अभियान भाजपा के दंगा आरोपी नेताओं के नेतृत्व में चलाया गया था।

दंगों में कम से कम 60 लोगों की हुई थी मौत
भाजपा ने दंगो के बाद फरवरी 2016 में हुए इस उपचुनाव के प्रचार के लिए पहली बार स्थानीय सांसद और मोदी सरकार के कृषि राज्य मंत्री संजीव बालियान, सांसद हुकुम सिंह और विधायक सुरेश राणा को नियुक्त किया था। इन सभी नेताओं का नाम वर्ष 2013 के दंगों के आरोपियों में शामिल था। उन दंगों में कम से कम 60 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि हजारों लोग विस्थापित हो गए थे। हालांकि अब आने वाले चुनाव में पार्टी बहुप्रचारित विकास की गाथा को अपनाती हुई लग रही है। बालियान ने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश, जहां दंगों के कारण 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भारी तनाव था, फिलहाल शांत है और अब चुनाव में विकास के प्रमुख मुद्दा बनने से इस बार यहां शांतिपूर्ण चुनाव होंगे।

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