मुजफ्फरनगर रेल हादसा: ‘काशन बोर्ड’ का संज्ञान नहीं लिया जाना बड़ी चूक

punjabkesari.in Sunday, Aug 20, 2017 - 12:37 PM (IST)

मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर के खतौली कस्बे के पास पुरी से हरिद्वार जा रही कलिंगा-उत्कल एक्सप्रेस के दुर्घटना के कारणों में ‘काशन बोर्ड’ का संज्ञान नहीं लिया जाना एक बड़ी चूक मानी जा रही है। इस दुर्घटना में 23 यात्रियों के मरने की पुष्टि हुई है। हालांकि, एक यात्री के मेरठ अस्पताल में सुबह मृत्यु की सूचना मिली है। हादसे में 400 यात्री घायल हुए हैं।

राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) का दावा है कि दुर्घटनास्थल पर रेल पटरी की मरम्मत का काम चल रहा था। मरम्मत के समय रेलगाड़ियों की रफ्तार उस स्थान पर धीमी हो जाती है, लेकिन कल दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन की रफ्तार 105 किलोमीटर प्रति घंटे बताई गई है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कलिंगा-उत्कल एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले उसी पटरी से दो रेलगाड़यिां गुजरी थीं, लेकिन उनकी रफ्तार धीमी थी।

इस बाबत अपर पुलिस महानिदेशक बी के मौर्य ने कहा कि पटरी की मरम्मत का कार्य चल रहा था। ट्रेन की रफ्तार धीमी होनी चाहिए थी, लेकिन उसकी स्पीड में कोई कमी नहीं थी। उनका कहना था कि मरम्मत कार्य में लगे रेलकर्मी या तो ‘काशन बोर्ड’ लगाना भूल गए या ड्राइवर बोर्ड को देख नहीं सका। दोनों ही स्थिति भयावह है और परिणाम सबके सामने है।

मौर्य ने बताया कि दुर्घटना के सम्बन्ध में मुजफ्फरनगर जीआरपी थाने में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। मामले की जांच शुरु कर दी गई है। ‘काशन बोर्ड’ का संज्ञान नहीं लिया जाना भी जांच के दायरे में है। जांच कर पता लगाया जाएगा कि मरम्मत कर रहे रेलकर्मी ‘काशन बोर्ड’ लगाना भूल गए थे या चालक ने उसकी अनदेखी की। उन्होंने बताया कि जांच के दायरे में पटरी की स्थिति को भी ध्यान में रखा जाएगा। कई लोगों का कहना है कि पटरी कमजोर थी और उसके फ्रैक्चर होने की वजह से भी यह हादसा हो सकता है। रेल लाइन कस्बे के बीच में होने की वजह से आसपास के घरों और एक स्कूल में दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन के डिब्बे घुस गए थे।

गौरतलब है कि गत 11 जून को उसी स्थान पर स्कूल के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की सजगता से बड़ा रेल हादसा टल गया था। कर्मचारी ने रेल पटरियों में फ्रैक्चर देखा और लाल साडी दिखाकर ट्रेन को रुकवा दिया था। घटनास्थल पर कल से यह बात चर्चा का विषय बनी हुई है। इस बीच, मंडलीय रेल प्रबंधक ने बताया कि देर रात तक रेल यातायात सामान्य होने की संभावना है। उनका कहना था कि रात 8 बजे तक क्षतिग्रस्त पटरियों को ठीक कर लिया जाएगा, लेकिन देर रात तक यातायात सामान्य होने का अनुमान है।