मुजफ्फरनगर दंगे के आरोपी नेताओं के मुकदमों के जल्द होंगे निपटारे, भेजे गए  इलाहाबाद की विशेष कोर्ट

punjabkesari.in Tuesday, Sep 25, 2018 - 12:59 PM (IST)

मुजफ्फरनगरः कांग्रेस, भाजपा और बसपा नेताओं से जुड़े दंगों के 10 मामलों सहित नेताओं के खिलाफ दर्ज 35 से ज्यादा मुकदमें इलाहाबाद की एक विशेष अदालत को भेजे गए हैं ताकि इन मामलों का तेजी से निपटारा हो।      

अभियोजन ने कहा कि नेताओं के खिलाफ लंबित आपराधिक मामले उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर सोमवार को इलाहाबाद की एक विशेष अदालत को भेजे गए। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी विशेष अदालत के पीठासीन अधिकारी यानी मामलों की सुनवाई करने वाले जज होंगे। केंद्र सरकार ने 11 सितंबर को उच्चतम न्यायालय को बताया था कि उत्तर प्रदेश सहित 11 राज्यों ने खास तौर पर नेताओं से जुड़े मुकदमों की सुनवाई के लिए 12 विशेष अदालतें गठित करने के लिए अधिसूचनाएं जारी की हैं।

अभियोजन के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा, भाजपा सांसद संजीव बाल्यान और भारतेंद्र सिंह, भाजपा विधायक उमेश मलिक और विक्रम सैनी, साध्वी प्राची और अन्य 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के मामले में अपने भाषणों के जरिए हिंसा भड़काने के आरोप का सामना कर रहे हैं। इन पर निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने और गलत तरीके से रोकने सहित कई अन्य आरोप हैं। ऐसे आरोप हैं कि उन्होंने अगस्त 2013 के आखिरी हफ्ते में एक महापंचायत में हिस्सा लेकर अपने भाषणों के जरिए हिंसा भड़काई। सैनी और 27 अन्य लोग मुजफ्फरनगर जिले में हिंसा के सिलसिले में हत्या की कोशिश के आरोप का सामना कर रहे हैं।   

कांग्रेस नेता एवं पूर्व सांसद सईद-उज-जमां, बसपा के पूर्व सांसद कादिर राणा और बसपा के पूर्व विधायक नूर सलीम भी 2013 में जिले के खालापार इलाके में भड़काऊ भाषण देने के आरोप का सामना कर रहे हैं। वर्ष 2013 में मुजफ्फरनगर और इसके आसपास के जिलों में हुए दंगों के दौरान कम से कम 60 लोग मारे गए थे और 40,000 से ज्यादा लोग विस्थापन के शिकार हुए थे।       

Ruby