एकता की अलख जगाने देश को साइकिल से माप रहे है नागराज

punjabkesari.in Thursday, Feb 28, 2019 - 05:00 PM (IST)

प्रयागराजः ‘रहनुमाओं की अदाओं पे फिदा है दुनिया, इस बहकती हुई दुनिया को संभालों यारों कैसे आकाश में सूराख हो नहीं सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो। ’ दुष्यंत कुमार की इन पंक्तियों को आत्मसात करते हुए कर्नाटक के नागराज राष्ट्रीय एकता की खातिर विभिन्न संस्कृतियों और धर्मो को एक सूत्र में पिरोने के मकसद के साथ देशाटन पर हैं।

कर्नाटक के मूल निवासी नागराज गौड़ा ने एकता संदेश यात्रा का सफर मुंबई से तीन दिसंबर 2017 को साइकिल से शुरू किया था। संगम तट पर बसे कुंभ नगर पहुंचने पर उन्होने गुरूवार को खास बातचीत में कहा कि वह आमजन में राष्ट्रीय एकता, देशभक्ति, विश्व शांति, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, पानी बचाओ, हरियाली बढ़ाओ और सर्व धर्म समभाव के उद्देश्य से लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से भारत भ्रमण पर निकले हैं।

गौड़ा ने बताया कि मुंबई से गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, दिल्ली, जयपुर, आगरा और कानपुर होते हुए तीन दिन पहले कुंभ नगरी पहुंचे है। अपने सफर के दौरान वह विभिन्न राज्यों और जिलों में लोगों के बीच बात करतें हैं, अपने विचारों को साझा करते हैं। यह करके उनको आत्मिक शांति मिलती है। उन्होने कहा ‘‘ मैं अपने मकसद में कहां तक पहुंच पाता हूं, नहीं जानता लेकिन प्रयास होगा कि जितना दूर तक जा सकूं, लोगों के बीम में इन संदेशों के प्रवाह को पहुंचा सकूं। ’’

उन्होंने बताया कि वह यह सोच कर कुंभ आए थे कि यह बहुत बड़ा प्लेटफार्म है और यहां पर एक साथ बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं के बीच में अपने संदेश के प्रवाह को फैलाने में मदद मिलेगी लेकिन यहां पहुंचने से पहले मेला समाप्त हो चुका है। फिर भी जितना है उतने में अभी तक कम से कम 5 हजार श्रद्धालुओं के बीच संदेश को पहुंचा चुके हैं। उनका मानना है। देश हित का संदेश का अगर दो प्रतिशत भी लोगों ने स्वीकार किया तो समझो उन्हे अपने मकसद में सफलता मिल गयी।

Tamanna Bhardwaj