करारी हार के बाद माया ने चलाया हंटर, नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बेटे को किया पार्टी से बाहर
punjabkesari.in Wednesday, May 10, 2017 - 12:16 PM (IST)
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के रणनीतिकारों में शुमार रहे पार्टी महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी को पत्नी हुस्ना सिद्दीकी और बेटे अफजल सिद्दीकी के साथ बसपा से निष्कासित कर दिया गया। उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के साथ ही विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों से पैसे लेने का आरोप था।
#FLASH Senior BSP leader Naseemuddin Siddiqui and his son Afzal expelled from the party for indulging in anti-party activities pic.twitter.com/Sq8O65vL0J
— ANI UP (@ANINewsUP) May 10, 2017
बसपा अध्यक्ष मायावती के सिद्दीकी को पत्नी और बेटे समेत पार्टी से निकालने सम्बन्धी निर्णय के बारे में राज्यसभा सदस्य और पार्टी महासचिव सतीश चन्द्र मिश्र ने जानकारी देते हुए बताया कि सिद्दीकी को मायावती ने कई बार बुलाया। उन्हें कई संदेश भेजे गए लेकिन वह अपना पक्ष रखने नहीं आए।
मिश्र ने बताया कि सिद्दीकी उनकी पत्नी और बेटे को पार्टी से निकालने के सिवाय कोई चारा ही नहीं बचा था। बसपा सरकारों में 18-18 महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री रहे सिद्दीकी को मायावती का काफी नजदीकी माना जाता था। वह विधान परिषद में नेता विरोधी दल भी रहे हैं। इस समय वह विधान परिषद में बसपा के नेता थे। उनकी पत्नी हुस्ना सिद्दीकी भी विधान परिषद की सदस्य हैं। उनके बेटे अफजल ने 2014 में बसपा से लोकसभा का चुनाव लड़ा था।
बालीवाल के बेहतरीन खिलाडी रहे सिद्दीकी को बसपा का मुस्लिम चेहरा माना जाता था। राज्य विधानसभा के चुनाव में सिद्दीकी ने 403 में से 100 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों को पार्टी से टिकट दिलवाया था। उन्हें चुनाव बाद ही उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के पार्टी प्रभारी पद से हटाकर मध्य प्रदेश का प्रभारी बना दिया गया था। मूल रूप से बांदा जिले के रहने वाले नसीमुद्दीन ने 1988 में बसपा में शामिल हुये थे। वह 1991 में पहलीे बार विधानसभा के सदस्य चुने गए थे लेकिन 1993 में वह चुनाव हार गए। वह मायावती के चारों मुख्यमंत्रित्वकालों में महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री रहे।
सिद्दीकी मायावती के इस कदर नजदीक थे कि गत जुलाई में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) नेता दयाशंकर सिंह की बसपा अध्यक्ष के खिलाफ की गई कथित टिप्पणी को लेकर पार्टी के धरना प्रदर्शन का उन्होंने नेतृत्व किया था। सिंह की पत्नी श्रीमती स्वाती सिंह ने बसपा के अन्य नेताओं के साथ ही उनके खिलाफ भी कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। मायावती ने सिद्दीकी के बेटे अफजल को राज्य के पश्चिमी इलाकों में विधानसभा चुनाव में प्रचार अभियान की कमान सौंपी थी।