लखनऊ में बनेगा नौसेना का ‘गोमती शौर्य स्मारक'', जानिए क्या है प्रदेश सरकार की तैयारी
punjabkesari.in Saturday, May 14, 2022 - 08:42 AM (IST)
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शीघ्र ही भारतीय नौसेना के ‘गोमती शौर्य स्मारक' के रूप में उत्कृष्ट संग्रहालय का तोहफा मिलेगा। उत्तर प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने शुक्रवार को बताया कि लखनऊ में चिन्हित स्थल पर भारतीय नौ सेना से सेवानिवृत्त युद्ध पोत आईएनएस गोमती अग्रिम की प्रतिकृति को आम जनता के लिए प्रदर्शित किया जायेगा। सिंह ने कहा कि पर्यटन विभाग एवं नौ सेना के अधिकारियों के साथ कई दौर की बातचीत के बाद यह निर्णय लिया गया है।
उन्होंने इसे प्रदेश के लिये उपलब्धि बताते हुए कहा कि इस स्मारक के आसपास पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा। प्रस्तावित स्मारक में म्यूरल गैलरी, हर्बल गाडर्न, रेस्टोरेंट, मनोरंजन स्थल, लैंण्ड स्केपिंग, प्रसाधन कॉम्पलैक्स, ओपन एयर थियेटर, आदि की व्यवस्था की जायेगी।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि इस युद्ध पोत को महानिदेशक एवं प्रमुख सचिव, पर्यटन मुकेश कुमार मेश्राम आगामी 28 मई को मुम्बई में औपचारिक रूप से प्राप्त करेंगे। यह युद्ध पोत 126.5 मीटर लंबा तथा 14.5 मी चौड़ा है। इसको अलग-अलग करके इसके सारे पाट्र्स को सड़क मार्ग से लखनऊ लाया जायेगा। नौसेना में इस युद्धपोत की शानदार उपलब्धियों एवं सराहनीय सेवा को आम जनता तक पहुंचाने के लिए इसे एक स्मारक के रूप में स्थापित किया जायेगा। सिंह ने बताया कि इस युद्ध पोत में आरएडब्लूएल राडार, एंकर, मिसाइल लांचर, लार्ज प्रोपेलर, सी-हैरियर एयर क्राफ्ट, शिप मास्ट, टारपिडो लांचर, शिप मैनगन, एके-725, सी किंग हेलीकॉपटर और लड़ाकू विमान सहित पूरा साजो सामान भी इस पोत में प्रदर्शित किया जायेगा।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि इस स्मारक के अस्तित्व में आ जाने से राष्ट्रीय एकता, अखण्डता का संदेश पूरे प्रदेश में जायेगा। इसके अलावा देश की रक्षा में नौसेना के योगदान के बारे में भी लोगों को जानकारी प्राप्त होगी। इसके साथ ही युवाओं एवं आगामी पीढ़ी में राष्ट्र प्रेम की भावना जागृत होगी और सेना के प्रति आकर्षण बढ़ेगा। उल्लेखनीय है कि आईएनएस गोमती नौसेना में 19 मार्च, 1984 को शामिल किया गया था और इसे 16 अप्रैल, 1988 को सेना में कमीशन प्राप्त हुआ था। अपनी 34 वर्ष की शानदार सेवा के उपरान्त विगत मार्च में यह युद्धपोत सेना से रिटायर हो गया।