लश्कर की धमकी के बाद नया खुलासा, स्लीपिंग मॉड्यूल्स जोड़ने की फिराक में आतंकी

punjabkesari.in Friday, Jun 08, 2018 - 03:43 PM (IST)

लखनऊ: लश्कर-ए-तोयबा की ओर से दी गई आतंकी हमले की धमकी के बाद यूपी में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। राजधानी लखनऊ समेत यूपी के सभी जिलों में सतर्कता बरती जा रही है। बीते वर्ष वाराणसी, फैजाबाद व लखनऊ कचहरी में सीरियल ब्लास्ट कर दहशत फैलाने की कोशिश की गई थी, लेकिन आतंकी अपने नापाक मंसूबों में कामयाब नहीं हो सके। इन खूंखार आतंकियों से निपटने के आतंकवाद निरोधक दस्ता के अलावा राज्य की एसटीएफ टीम ने आतंकी संगठन के कुछ आतंकियों को दबोच कर इनके खतरनाक इरादे को कुचल दिया था। सवाल है कि जांच एजेंसियां हों या फिर एटीएस टीम इन्होंने कई आतंकियों को मार गिराने के साथ कइयों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा लेकिन इनका कुनबा कम होने के बजाए फिलहाल बढ़ता क्यों जा रहा है। आतंकी स्लीपिंग माड्यूल्स जोड़ने की फिराक में हैं।

पुलिस सत्यापन न होना बन रहा खतरा
बीते साल 2017 में काकोरी के हाजी कॉलोनी में एक किराए के मकान में रहे कानपुर निवासी आतंकी सैफुल्लाह एटीएस मुठभेड़ में मारा गया था। इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने गहन जांच पड़ताल की तो पता चला कि यह तो कई महीनों से बिना पुलिस सत्यापान के ही यहां रह रहा था। सवाल है कि इन मामलों में कहीं न कहीं स्थानीय पुलिस जिम्मेदार है, लेकिन अफसर भी मातहतों की नाकामी छिपाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ते। बीते वर्षों पर गौर करें तो इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी सलमान व असलम और आतंकियों को असले सप्लाई करने वाले लखनऊ के मॉडल हाऊस निवासी इजहार की गिरफ्तारी के बाद से भी सामने आया था कि राजधानी लखनऊ में आतंकी युवाओं का कुनबा तैयार किया जा रहा था।

पहले भी कई बार आतंकी दे चुके हैं नापाक इरादों को अंजाम
बुधवार को लश्कर-ए-तोयबा द्वारा हाथ से लिखी धमकी भरी चिट्ठी भेजी गई जिससे साफ हो गया है कि राजधानी लखनऊ समेत यूपी के कई जिले आतंकियों के निशाने पर हैं। यही नहीं इससे पूर्व 20 अक्तूबर 2010 को चौक स्टेडियम गेट पर एक कार में उस समय बम रखा मिला था, जब रामलीला चल रही थी और वहां पर हजारों लोगों की भीड़ जमा थी। आतंकी संगठनों के सदस्यों की हरकत पर गहन नजर डालें तो 26 अगस्त 2009 को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पकड़े गए लश्कर-ए-तोयबा का आतंकी असलम लखनऊ में वर्ष 2003 में आया। उसने विवि के अरेबिक विभाग में एमएम में दाखिला लिया था। यह लश्कर का खास टे्रनर था। वर्ष 2003 से 2005 तक उसने लखनऊ में रहकर आतंकी संगठन की जड़ें मजबूत कीं लेकिन पुलिस व जांच एजैंसियों को जरा भी खबर नहीं लगी थी। सवाल है कि आज से नहीं बल्कि बहुत पहले से जिम्मेदार एजैंसियां व एटीएस, एसटीएफ व पुलिस की लापरवाही रही और आतंकियों को मनोबल गिरने के बजाय बढ़ता गया।

Anil Kapoor