ISIS के नए मॉड्यूल का NIA ने किया पर्दाफाश, अब मेरठ के इस युवक का नाम आया सामने

punjabkesari.in Thursday, Dec 27, 2018 - 01:07 PM (IST)

मेरठः राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने दिल्ली से लेकर यूपी के 17 ठिकानों पर छापेमारी कर खुंखार आतंकी संगठन ISIS के मोड्युल का पर्दाफाश किया है। इस दौरान एनआईए ने हरकत-उल-हर्ब-इस्लाम से जुड़े 10 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। इतना ही नहीं इनके पास से भारी मात्रा में बम बनाने का सामान और नगदी बरामद की गई है। वहीं इस बीच एक मेरठ के रहने वाले नईम का नाम सामने आ रहा है। एनआईए के मुताबिक नईम के आतंकी संगठन के साथ संबंध बताए जा रहे हैं। जिसके चलते एनआईए की टीम ने नईम के घर छापेमारी की, लेकिन इससे पहले ही नईम वहां से भाग निकला।

NIA की टीम ने मेरठ में की छापेमारी
दरअसल, बुधवार को एनआईए की टीम नईम निवासस्थान किठौर क्षेत्र पहुंची। इस दौरान पुलिस के भारी अमले को देख ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। वहीं दूसरी ओर एनआईए की टीम ने गांव के एक-एक घर को खंगाल डाला। आरोप है कि छापेमरी के समय एनआईए की टीम ने आरोपी नईम के रिश्तेदारों के घरों पर जमकर तोड़फोड़ भी की। इस दौरान अपने जिगर के टुकड़े को आतंकी ठहराए जाने के बाद नईम के परिजन सकते में आ गए। सुरक्षाबलों ने नईम के घर के साथ उसके रिश्तेदारों के घरों को भी खंगाला, लेकिन वह नहीं मिला।

आरोपी की मां से मिली ये जानकारी
छापेमारी के दौरान नईम की मां ने बाताया कि वह चौहदा दिन पहले घर मिलने आया था। नईम की मां ने बताया कि वह अपनी बीमार बुआ को देखने के लिये मेरठ के किला परीक्षितगढ़ गया है। सूचना पर सुरक्षाबल उसकी बुआ के घर भी पहुंचे, लेकिन नईम का कोई सुराग उनके हाथ नही लगा। पूछताछ में परिजनों ने दिया चौंकाने वाला जवाब नईम के परिजनों ने बताया कि वह गुरुग्राम में वेल्डर का काम करता है। वहीं जब टीम ने पूछा कि गुरुग्राम में किस एरिया में काम करता है तो परिजनों का जवाब भी बेहद चौंकाने वाला था। परिजनों का कहना है कि नईम पिछले 2 वर्ष से गुरुग्राम में वेल्डर का काम तो करता है, लेकिन आज तक परिवार का कोई सदस्य उससे मिलने वहां नहीं गया। जाहिर सी बात है कि एनआईए की टीम ने किसी ठोस सबूत के आधार पर ही गांव में छापेमारी की है।

परिवार में सबसे छोटा है आरोपी नईम
बता दें कि नईम के चार भाई और हैं और वह घर में सबसे छोटा है। पिछले दो सालों से गुड़गांव में रहकर वेलडिंग का काम कर रहा है। महीने में एक-दो बार घर वालों से मिलने आता है। परिजनों को अब तक यकीन नहीं है कि उनका बेटा आतंकियों के हाथ की कठपुतली बन चुका है।
 

Tamanna Bhardwaj