नई मुशीबत में फंसी नेस्ले कंपनी, मैकरोनी व पास्ता का नमूना भी फेल

punjabkesari.in Monday, Nov 23, 2015 - 06:47 PM (IST)

मऊ(विवेक त्रिपाठी): नेस्ले कंपनी की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। लगभग 1 वर्ष तक प्रतिबंध झेलने के बाद मैगी रिब्रांडिंग के बाद फिर से मार्केट में आई है, और अपने ग्राहकों पर दोबारा विस्वास कायम कराने की कोशिश में लगी है। लेकिन नई मुशीबत उस समय आ गई जब नेस्ले के मैकरोनी, पास्ता का नमूना भी फेल पाया गया। मैकरोनी, पास्ता में मानक से लेड की मात्रा कहीं अधिक पायी गयी है और मऊ जिले के खाद्य सुरक्षा एव औषधि प्रशासन विभाग अब इस मामले में कार्रवाई के लिए फ़ाइल आयुक्त खाद्य सुरक्षा एव औषधि प्रशासन विभाग लखनऊ को भेज दी गयी है। 

देश में पहली बार मऊ खाद्य सुरक्षा एव औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने पास्ता के सैम्पल मऊ के.जी. ट्रेडर्स जो नेस्ले कि डिस्ट्रीब्यूटर है के यहां से 10 जून 2015 को लिए थे। ये नमूने विभाग द्वारा जांच के लिए राजकीय खाद्य विश्लेसक प्रयोगशाला लखनऊ को भेजे गए थे। जिसकी जांच रिपोर्ट 2 सितम्बर 2015 को आई, जिसमें नमूने फेल पाए गए। इसके बाद खाद्य सुरक्षा एव औषधि प्रशासन विभाग मऊ द्वारा नेस्ले कंपनी को इस बाबत अवगत कराते हुए एक लैटर भेजा गया था और नेस्ले के पास इस जांच के विरुद्ध अपील करने के लिए 1 महीने का समय भी था। लेकिन नेस्ले इंडिया ने इस नोटिस को रिसीव नहीं किया और वापस जिले को भेज दिया गया। इस पर अब खाद्य सुरक्षा एव औषधि प्रशासन विभाग मऊ ने कड़ा रुख अपनाते हुए कार्यवाही के लिए आयुक्त खाद्य सुरक्षा एव औषधि प्रशासन विभाग लखनऊ को फ़ाइल भेज दी है। 
 
लेड की मात्रा मानक से कहीं अधिक
बताते चलें कि मैकरोनी पास्ता में मानक के अनुसार 2.5 पीपीएम लेड की मात्रा होनी चाहिए लेकिन जांच में 6 पीपीएम पायी गई है जो मानक से कहीं ज्यादा है। लेड की ज्यादा मात्रा इंसान के लिए घातक होती है और कई बीमारियों को जन्म देती है। लेड की अधिक मात्रा मैकरोनी, पास्ता को भी अनसेफ कर दिया है। आयुक्त खाद्य सुरक्षा एव औषधि प्रशासन विभाग लखनऊ के निर्देश के बाद मैकरोनी, पास्ता पर खाद्य विभाग मऊ के क्रिमिनल कोर्ट में केस दायर करेगी।