NHRC के नोटिस से बैकफुट पर यूपी सरकार, ट्रेनी दारोगाओं से वापस लिए जाएंगे हथियार

punjabkesari.in Tuesday, Feb 06, 2018 - 03:53 PM (IST)

नोएडा: जिम ट्रेनर जितेन्द्र यादव की फर्जी मुठभेड़ पर एनएचआरसी ने कड़ी आपत्ति जताई है। मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए एनएचआरसी ने यूपी के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह में डिटेल रिपोर्ट मांगी है। दोनों अधिकारियों को निजी तौर पर नजर रखने के लिए कहा है।

एक शीर्ष अधिकारी के नेतृत्व में जांच के लिए एनएचआरसी ने शासन को पत्र लिखा है। दूसरी तरफ मामले में शासन ने एनकाऊंटर पॉलिसी में बदलाव किया है। डीजीपी ओपी सिंह ने जिले के सभी एसएसपी को निर्देश दिए हैं कि वे ट्रेनी दारोगा को थाने तक ही सीमित रखें और उन्हें किसी भी तरह का सरकारी हथियार न दिया जाए। इसके अलावा मामले में विवादित सिंघम डीएसपी फेज-3 थाने में तैनात प्रभारी जितेन्द्र सिंह का तबादला मेरठ कर दिया गया है।

एक साल में 900 एनकाउंटर
जिम ट्रेनर के बाद योगी की एनकाउंटर पॉलिसी विवादों में आ गई है। यूपी मानवाधिकार आयोग ने एक रिपोर्ट दी है, जिसमें बताया गया है कि यूपी में अब एक साल में 900 एनकाउंटर किए गए हैं, ये सभी एनकाउंटर अलग-अलग जिलों में हुए हैं, लेकिन हैरानी की बात ये है कि किसी भी जिला पुलिस ने अपने इलाके के वांछित या बड़े अपराधी का एनकाउंटर नहीं किया, बल्कि दूसरे जनपद के वांछित चल रहे बदमाशों को मारा है।

रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि 900 में से 750 एनकाउंटर ऐसे अपराधियों के हुए हैं जिन पर संगीन अपराध के मुकदमे दर्ज नहीं हैं। यही नहीं, राज्य में ऐसे 1400 गैंगस्टर हैं, जो एक लाख के इनामी हैं और ये टॉप वांटेड भी हैं, लेकिन यूपी पुलिस इनमें से एक का भी एनकाउंटर नहीं कर पाई।