बालिका संरक्षण गृह प्रकरण का NHRC ने लिया संज्ञान: मुख्य सचिव, यूपी DGP को नोटिस

punjabkesari.in Monday, Jun 22, 2020 - 07:09 PM (IST)

लखनऊः राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित एक बालिका संरक्षण गृह में 57 लड़कियों के कोविड-19 संक्रमित होने और उनमें से सात के गर्भवती होने की घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक(डीजीपी) को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है।

आयोग द्वारा सोमवार को यहां जारी बयान के मुताबिक आयोग ने कानपुर में सरकार द्वारा संचालित बालिका संरक्षण गृह की इस घटना का स्वत: संज्ञान लिया है। आयोग का मानना है कि इस सिलसिले में आयी मीडिया रिपोर्ट अगर सही हैं तो इससे साबित होता है कि लोकसेवक लोग पीड़ित लड़कियों को सुरक्षा मुहैया कराने में नाकाम रहे।

बयान में कहा गया है कि वे सरकारी हिफाजत में रहने के बावजूद न तो उन लड़कियों के जीवन के अधिकार की रक्षा कर पाये और न ही उनकी स्वतंत्रता और गरिमा की सुरक्षा। आयोग ने प्रदेश के मुख्य सचिव को भेजे गये नोटिस में उनसे इस प्रकरण की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने सरकार से अपेक्षा की है कि वह इस मामले की किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराएगी। साथ ही वह पूरे प्रदेश के संरक्षण गृहों में रहने वाली महिलाओं और लड़कियों के स्वास्थ्य की समीक्षा भी कराएगी। आयोग ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को भी नोटिस जारी करके उनसे इस मामले में दर्ज मुकदमे और जांच की स्थिति से सम्बन्धित रिपोर्ट मांगी है। मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से चार हफ्तों में जवाब देने की अपेक्षा की गयी है।

गौरतलब है कि कानपुर जिले में राज्य सरकार द्वारा संचालित बालिका संरक्षण गृह में कोविड-19 से संक्रमित 57 लड़कियों में से सात गर्भवती पाई गई हैं। जिलाधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि गर्भवती पाई गई पांच लड़कियां कोविड-19 संक्रमित भी पाई गई हैं। इन लड़कियों को आगरा, एटा, कन्नौज, फिरोजाबाद और कानपुर की बाल कल्याण समितियों द्वारा कानपुर रेफर किया गया था। उन्होंने बताया कि गर्भवती दो अन्य लड़कियां कोविड-19 संक्रमित नहीं पाई गई हैं। 


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Umakant yadav

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