NR नारायणमूर्ति ने कहा- ''जय हो'' के नारे नहीं, मानवीय मूल्यों का संरक्षण है असली देशभक्ति
punjabkesari.in Friday, Aug 23, 2019 - 12:26 PM (IST)
गोरखपुरः पद्म विभूषण से सम्मानित और इंफोसिस के संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति ने कहा कि सफलता के लिए जीवन में अनुशासन बहुत जरूरी है। राष्ट्रहित के लिए अहंकार और पूर्वाग्रह को त्यागना होगा। हमारी सरकारों को नागरिकों और उद्यमियों के अनुकूल काम करने की जरूरत है। दीर्घकालिक गौरव के लिए अल्पकालिक बलिदान करें। युवा आशावादी और साहसी बनें और उदासीनता को त्यागें।
नारायणमूर्ति ने कहा कि आज जब भारत को अपने आइने से देखता हूं तो दो तस्वीर नजर आती है। एक तरफ अर्थव्यवस्था सुधरी है, निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। भारत दुनिया का साफ्टवेयर हब बन रहा है लेकिन दूसरी तरफ भूखमरी, कुपोषण, भ्रष्टाचार और पीने के पानी का अभाव है। कैसा भारत चाहते हैं, यह युवाओं को तय करना है। तिरंगा लहराते हुए मेरा भारत महान और जय हो, कहना आसान है लेकिन ऐसे करने के लिए जिन मूल्यों की जरूरत है, उसे बनाए रखना उतना ही मुश्किल है।
उन्होंने कहा कि बोलने की स्वतंत्रता, भय से स्वतंत्रता, चाहने की स्वतंत्रता जैसे मूल्य देश के स्वर्णिम भविष्य के लिए आवश्यक हैं। उपाधि प्राप्त कर रहे युवाओं को इन बातों का ख्याल रखना होगा। उन्होंने कहा कि अब जमाना उद्यमिता अपनाने का है। नौकरी के पीछे भागने से काम नहीं चलेगा। उद्यमिता अपनाएं और रोजगार सृजित करें। रोजगार करने से बेहतर रोजगार देना है।
बता दें कि मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) के दीक्षांत समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि इंफोसिस के संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति ने भी हिस्सा लिया। प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की तरफ से कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कुलपति प्रो. एसएन सिंह ने इंफोसिस के संस्थापक को डॉक्टर ऑफ साइंस (डीएससी) का मानद उपाधि देकर सम्मानित किया।