मोदी की जीत पर संदेह नहीं, विरोधियों की जमानत बचाने की लड़ाई

punjabkesari.in Friday, May 17, 2019 - 01:33 PM (IST)

वाराणसीः उत्तर प्रदेश के वाराणसी लोकसभा सीट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जीत को लेकर किसी को कोई संदेह नहीं है और चर्चा इस बात पर हो रही है कि वह कितने मतों के अंतर से जीतते हैं तथा उनके विरुद्ध चुनाव मैदान में उतरे उम्मीदवार अपनी जमानत बचा पाते हैं या नहीं। हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के बनारस घराने की जन्म स्थली में मोदी का कांग्रेस उम्मीदवार अजय राय और सपा बसपा गठबंधन की उम्मीदवार शालिनी यादव से मुख्य मुकाबला है।

ऐसे यहां से कुल 26 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। वर्ष 2014 के आम चुनाव में मोदी का मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी (आप) के अरविंद केजरीवाल से हुआ था । राय तीसरे स्थान पर रहे थे। धार्मिक नगरी काशी में उत्तर प्रदेश से पहली बार चुनाव लड़े मोदी को पिछले चुनाव के दौरान कुल 581023 वोट मिले थे जबकि केजरीवाल को 209238 वोट मिले थे। राय को 75614 वोट से संतोष करना पड़ा था। इस चुनाव में सपा-बसपा ने अलग अलग चुनाव लड़ा था। सपा प्रत्यााशी कैलाश चौरसिया को 45291 तथा बसपा प्रत्याशी विलय प्रकाश जयसवाल 60579 वोट ला पाये थे। काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए विख्यात बनारस लम्बे समय से भाजपा का गढ रहा है। वर्ष 2004 को छोड़कर 1989 से ही इस सीट पर भाजपा का कब्जा रहा है।

वर्ष 1996 ,1998 और 1999 के आम चुनाव में यहां से भाजपा के शंकर प्रसाद जयसवाल निर्वाचित हुए थे। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इस सीट से मुरली मनोहर जोशी को उम्मीदवार बनाया था और वह दो लाख तीन हजार से कुछ अधिक वोट लाकर चुनाव जीत गये थे। बसपा के मुख्तार अंसारी एक लाख 85 हजार से अधिक वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। सपा प्रत्याशी अजय राय 123874 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे। गंगा नदी के किनारे बसे घाटों के इस शहर में 2004 के चुनाव में कांग्रेस के राजेश कुमार मिश्र विजयी हुये थे। उन्होंने भाजपा के शंकर प्रसाद जयसवाल को पराजित किया था।

मिश्र को दो लाख छह हजार से अधिक वोट मिले थे जबकि जयसवाल 149468 मत ला पाये थे । इस चुनाव में बसपा के अमीर चंद पटेल को 59518 तथा सपा की अंजना प्रकाश को 59104 वोट मिले थे। हिन्दी साहित्य में अमूल्य योगदान देने वाले मुंशी प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद और आचार्य राम चन्द्र शुक्ल से जुड़े बनारस में 1991 के चुनाव में भाजपा के श्रीश चन्द्र दीक्षित और 1989 के आम चुनाव में भाजपा के ही एन एस मुदीराज निर्वाचित हुये थे। वर्ष 1991 के चुनाव में इस सीट पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज किशोर 145894 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। दुनिया में शहनाई वादन के लिए विख्यात उस्ताद बिसमिल्ला खान की यादों से जुड़े इस निर्वाचन क्षेत्र में कुल पांच विधानसभा क्षेत्र हैं और इन सभी पर भाजपा और उसके सहयोगी दलों का कब्जा है जो मोदी की जीत को और आसान बनाता है। रोहनिया ,वाराणसी उत्तर,वाराणसी दक्षिण और वाराणसी कैंट पर भाजपा का तथा सेवापुरी सीट पर उसकी सहयोगी अपना दल का कब्जा है।

संत कबीर, वल्लभाचार्य,रविदास और स्वामी रामानंद की भूमि में मोदी ने मतदाताओं को गोलबंद करने के लिए रोड शो किया है और भाजपा के अनेक वरिष्ठ नेता एवं समर्थक उनकी जीत को सुनिश्चित करने के लिए यहां डेरा डाले हुए हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में रोड शो किया है और गठबंधन के नेता भी चुनाव प्रचार में जुटे हैं। भगवान शिव की आराधना के लिए जाने जाने वाले इस क्षेत्र से प्रधानमंत्री के यहां से सांसद बनने के बाद यहां कैंसर के उपचार के लिए दो अस्पतालों का निर्माण हुआ है।

दुनिया में बनारसी साड़ी बनाने वाले बुनकर यहां 20 घंटे से अधिक बिजली मिलने से खुश हैं। शहर के कुछ हिस्सों में बिजली के तार को भूमिगत करने तथा काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण से लोग खुश हैं। बनारसी मिजाज के यहां के लोग कुछ सड़कों के चौड़ीकरण को विकास से जोड़कर देखते हैं जबकि पुराने बनारस में सड़कों पर जाम की समस्या अब भी बनी है। कुछ स्थानों में पेयजल आपूर्ति को लेकर लोग शिकायत करते हैं। बनारस से हल्दिया के बीच गंगा में जल मार्ग बनाये जाने से यहां के लोगों में रोजगार बढ़ने की आशा का संचार हुआ है।

Tamanna Bhardwaj