योगी सरकार का बड़ा फैसला, पश्चिमी यूपी के सबसे बड़े मेले में पशुओं की एंट्री पर लगाई रोक

punjabkesari.in Friday, Oct 28, 2022 - 08:57 AM (IST)

मेरठ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पश्चिम उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े कार्तिक मेले में इस बार गोवंश और भैंस वंशों की एंट्री पर रोक लगा दी है। योगी सरकार ने जानवरों में लम्पी स्किन डिजीज के चलते यह बड़ा फैसला लिया है। जानकारी मुताबिक हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में गंगा किनारे लगने वाले कार्तिक मेले में पश्चिम यूपी के करीब 25 लाख श्रद्धालु आते हैं। इस मेले में किसान और पशुओं के शौकीन अपने भैंसा गाड़ी से पहुंचते हैं और यहां पशुओं की प्रदर्शनी के साथ-साथ विपणन भी किया जाता है, लेकिन लम्पी बीमारी के प्रकोप को बढ़ने से रोकने के लिए यूपी सरकार ने इस बार इस परंपरा पर प्रतिबंध लगा दिया है।

आपको बता दें कि हापुड़ जिलाधिकारी मेधा रूपम ने आसपास के सभी जिलों को सूचना पत्र भेजते हुए कहा है कि उनके जिले से कोई भी व्यक्ति हापुड़ में पशु लेकर ना आए, अगर कोई ऐसा करता है तो उसकी एंट्री पर रोक लगा दी जाएगी और साथ ही जुर्माना लगाते हुए सख्त कार्रवाई भी की जाएगी। वहीं मेरठ के जिलाधिकारी दीपक मीणा ने कहा कि इस बीमारी से जानवरों की त्वचा पर गांठनुमा फफोले व घांव हो जाते हैं।  इसके बाद जानवर को तेज बुखार बना रहता है और वो चारा खाना भी बंद कर देते हैं। यह बीमारी 3 से 6 हफ्ते तक बनी रहती है और इलाज के बाद पूरी तरह स्वस्थ होने में 3 से 4 महीने का समय लग जाता है। लम्पी स्किन डिजीज के चलते पशुओं में गर्भपात हो जाता है और पशु बांझपन के शिकार भी हो जाते हैं।

जानवरों को लम्पी वायरस से बचाने के लिए योगी सरकार ने यह फैसला लिया है। यह बीमारी गाय-भैंसों के साथ-साथ घोड़े, गधे, खच्चर, ऊंट एवं हिरन प्रजाति के पशुओं को भी सर्वाधिक प्रभावित करती है। मेला प्रदर्शनी में पशुओं के एक स्थान पर इकट्ठे होने से लक्षणविहीन किन्तु रोग के वाहक पशुओं द्वारा यह बीमारी अन्य सभी के संपर्क में आने वाले पशुओं में घातक रूप से फैलने की प्रबल संभावना है। 29 अक्तूबर से गढमुक्तेश्वर में गंगा किनारे स्नान व मेले का आयोजन किया जाना है. इस मेले में अश्व प्रदर्शनी-अश्व विपणन का कार्य भी होता रहा है, ऐसे में मेले में इस पर रोक लगाई गई है।

Content Writer

Tamanna Bhardwaj