अब सिम और बैटरी निकालने के बाद भी ढूंढा जा सकेगा चोरी हुआ मोबाइल (Watch Video)

punjabkesari.in Sunday, Oct 04, 2015 - 03:50 PM (IST)

वाराणसी (विपिन मिश्रा): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेकिंग इंडिया के सपने को पूरा करने वाले काशी के युवक इनोवेटर श्याम चौरसियां ने ऐसी अनोखी चीज़ तैयार की है जिसे सुनकर बड़ी-बड़ी कंपनियां हैरान रह जाएंगी। आपको बता दें कि अमेरिका दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेकिंग इंडिया, डिजीटल इण्डिया, स्किल इण्डिया को लेकर गूगल, फेसबुक, टॉप टेक सीईओज से मुलाकात किए है। नरेंद्र मोदी के इसी सपने को काशी का युवा इनोवेटर श्याम चौरसियां नया आयाम दे रहा है। बताया जा रहा है कि श्याम चौरसियां ने मोबाइल यूजरों के लिए पहली बार ऐसा डिवाइस बनाया है। अगर आप का महंगा या सस्ता मोबाइल खो जाए या चोरी हो जाए, इतना ही नहीं उसकी बैटरी, सिम भी कोई निकाल दे, सॉफ्ट वेयर बदल दे तब भी आपको पूरी जानकारी मिलती रहेगी।


अकसर सर्विलांस के जरिए लोकेशन ट्रेस किया जाता है। कुछ कंपनियों ने ट्रेकर की सुविधा दी है। कुछ कोड के जरिए भी ट्रेस करने का सिस्टम भारत में उपलब्ध है। श्याम के द्वारा बनाए गए मोबाइल डिवाइस में मोबाइल स्विच अॉफ होने पर चिप कोड पर नंबर डायल करने साइलेंट रिंग जाएगी और आस-पास की पूरी आवाजें सुनाई देंगी। वहीं बीजेपी विधायक रवीन्द्र जयसवाल ने पूरा डेमों अपने आवास पर देखा। उन्होंने एक्सपर्टों से बात करके पूरी विधि को पेटेंट कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि श्याम का पूरा प्रोजेक्ट पीएमओ,सूचना प्रसारण मंत्रालय और वो खुद नरेंद्र मोदी को जाकर सौपेंगे। भारत सरकार से अनुदान को भी पहल करेंगे। वहीं दूसरी तरफ श्याम का कहना है कि मोबाइल चोरी होने के बाद अकसर चोर सिम और बैटरी निकाल देते है।


ऐसी स्थिति में सर्विलांस, मोबाइल ट्रेकर भी तभी काम करेगा जब मोबाइल अॉन होगा। मोबाइल के स्विच आफ होते आईएमइआई कोड भी काम नहीं करता। ऐसी स्थिति में पता लगा पाना बड़ा मुश्किल होता है। श्याम का कहना है कि उसने पूरा सर्किट चिप मोबाइल के कबाड़ से बनाया है। जिसकी लागत मात्र 700 रुपए हैं। श्याम ने बताया कि मोबाइल कंपनियों के सामने बड़ी चुनौती है कि चोरी हुआ मोबाइल स्विच आफ और सिम निकाले जाने की स्थिति में कैसे पकड़ में आए। मेरी तकनीक इसी को लेकर है जो चिप फिट रहेगा उस पर बेल जाएगी जो चोर को पता भी नहीं चलेगा। पूरी बातचीत सुनाई देगी। वहीं पूरी तकनीक को पेटेंट कराने को लेकर शाम को डाक्यूमेंट तैयार कर रहे है जो भारत सरकार के संचार मंत्रालय में पूरा डाक्यूमेंट सबमिट किया जाएगा। भारत के लिए मोबाइल सेक्टर में बड़ी उपलब्धि साबित हो सकती है।