अब एक और आफत ने बढ़ाई चिंता! गंगा के पानी का अचानक बदल रहा रंग, वैज्ञानिक बोले...

punjabkesari.in Wednesday, May 26, 2021 - 07:15 PM (IST)

वाराणसीः धार्मिक नगरी काशी में भारी मात्रा में शैवाल आने से गंगा का पानी पूरी तरह हरा हो गया है, जिसने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। लोगों को आशंका है कि शैवाल के जमा होने से गंगा के प्रवाह में कमी आई है और पानी का रंग बदल गया है। यह गंगा में रहने वाले जीवों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

इसकी जानकारी मिलते ही केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी जांच में जुट गए हैं। इस बारे में नमामि गंगे के संयोजक राजेश शुक्ला ने बताया कि गंगा का पानी हरा होने के पीछे गंगा में प्रभाव कम होना हो सकता है। उन्होंने गंगा मंत्रालय से गुहार लगाते हुए कहा कि गंगा के प्रवाह को निरंतर बनाया जाए ताकि जो गंगा का पानी गर्मी के मौसम में घाटों को छोड़ने लगती है और इसकी वजह से रेत पर टीले दिखाई पड़ने लगते हैं वो ना हो, और गंगा का प्रवाह गर्मी के मौसम में भी निरंतर बना रहे। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि जो लोग गंगा में शव का प्रवाह कर रहे हैं, उन्हें यह सोचना चाहिए कि इससे गंगा में प्रदूषण हो सकता है, इसलिए गंगा में किसी हालत में शवों का प्रवाह नहीं होना चाहिए।

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के प्रोफेसर और गंगा वैज्ञानिक प्रो. बी.डी त्रिपाठी ने बताया कि गंगा के पानी जो यह दिख रहा है वो ऐसा लग रहा है कि यह माइक्रोबियल माइक्रोसिस्ट है। इस तरह के माइक्रोसिस्ट अमूमन ठहरे हुए पानी या नालों में पाए जाते हैं, और यह देखा गया है कि रूके हुए पानी में यह ज्यादा तेजी के साथ बढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल देख कर लग रहा है कि आसपास के किसी नाले से बह कर शैवाल आया होगा। अभी गंगा में बहाव कम है तो इसकी वृद्धि देखी जा रही है। लगातार इस प्रक्रिया के बने रहने से गंगा में रहने वाले जीव-जंतुओं को नुकसान पहुंच सकता है। 


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Content Writer

Tamanna Bhardwaj

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