अब मैनपुरी में अनामिका शुक्ला जैसा मामला, फर्जी डिग्री पर 21 सालों से नौकरी कर रही थी शिक्षिका

punjabkesari.in Sunday, Oct 25, 2020 - 04:59 PM (IST)

मैनपुरी: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में शिक्षा विभाग के नाक के नीचे पिछले 21 वर्षों से एक फर्जी शिक्षिका नौकरी करती रही और विभाग के आला अधिकारी आँख बंद करके सोते रहे। मामले का खुलासा तब हुआ जब एक गुमनाम व्यक्ति ने फोन के माध्यम से बताया कि प्राथमिक विद्यालय घूराई में विमलेश कुमारी नाम की महिला जो कि विद्यालय की प्रधानाचार्य है उसके सभी प्रमाण पत्र फ़र्जी हैं और वो किसी और के प्रमाण पत्रों पर नौकरी कर रही है।

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फ़ोन पर जानकारी मिलने के बाद शिक्षा विभाग हरकत में आया और शिक्षका की जांच शुरू हुई तो फोन करने वाले व्यक्ति की बात सही साबित हुई। शिक्षिका के  फर्जी पाए जाने पर विभाग ने शिक्षका के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है वहीं फर्जी शिक्षिका अभी फरार है। सोचने बाली बात यह है की बिना शिक्षा विभाग की मिली भगत से आखिर यह फर्जी शिक्षिका अब तक नौकरी कैसे करती रही है।

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बता दें कि पूरा मामला जनपद के घिरोर ब्लॉक के गुलाबपुर प्राथमिक विद्यालय का है। जहां 1999 में विमलेश कुमारी को शिक्षिका के पद पर तैनात किया गया था। 2003 में विमलेश का तबादला प्रमोसन के साथ प्राथमिक विद्यालय घूराई के लिए कर दिया गया। घूराई में विमलेश प्रधानाचार्य के पद पर कार्य करती रही। वर्तमान में विमलेश मैनपुरी के गोपीनाथ अड्डे के पास रहती थीं उनके कागजों में उनका पता एटा जनपद के जैथरा कस्बे के शास्त्री नगर में रहने वाले हाकिम सिंह की पुत्री के रूप में  दर्ज था।

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जिन प्रमाण पत्रों के आधार पर ये शिक्षिका नौकरी कर रही थी उनकी जांच कराने पर पता चला कि विमलेश कुमारी ये नहीं है। दस्तावेज तो विमलेश कुमारी के थे मगर फ़ोटो किसी और की लगी थी। असली विमलेश कुमारी एटा के अमृतपुर में नौकरी कर रही हैं। जब असली विमलेश से पूछताछ की गई तो वो ये नहीं बता पाईं की उनके नकली दस्तावेज विमलेश तक कैसे पहुंचे। और तो और अभी तक ये पता नहीं लग पाया है कि नकली विमलेश का नाम और पता क्या है। जांच की भनक लगते ही फ़र्जी शिक्षिका फरार हो गई। शिक्षा विभाग ने अपना पल्ला झाड़ने के लिए खण्ड शिक्षा अधिकारी से फ़र्जी शिक्षिका के ऊपर एफआईआर दर्ज करा दी। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस जांच में जुट गई है।

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वहीं इस मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) विजय प्रताप सिंह का कहना है कि फर्जी शिक्षिका का पता चलते ही रिकवरी की कार्यवाही भी की जाएगी। सोचने बाली बात यह है की बिना शिक्षा विभाग की मिली भगत से आखिर यह फर्जी शिक्षक अब तक नौकरी कैसे करती रही।


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Umakant yadav

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