अब कोरोना वारियर्स से अभद्रता करना पड़ेगा भारी, हो सकती है 7 साल तक की सजा

punjabkesari.in Wednesday, May 06, 2020 - 03:41 PM (IST)

लखनऊः कोरोना वॉरियर्स से से की गई अभद्रता या उनपर हमला अब क्षम्य नहीं होगा। ऐसा करने पर 6 माह से लेकर 7 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऑनलाइन कैबिनेट मीटिंग की जिसमें नए कानून उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश -2020' कैबिनेट से पास हो गया है। इस कानून को मंजूरी मिल गई है।

हो सकती है 6 माह से लेकर 7 साल तक की सजा
बता दें कि कैबिनेट से पास इस नए कानून के अनुसार स्वास्थ्य कर्मियों, पैरामेडिकल स्टॉफ, पुलिसकर्मियों व स्वच्छता कर्मियों के साथ ही शासन की तरफ से तैनात किसी भी कोरोना वॉरियर्स से की गई अभद्रता या हमला करना, चिकित्सकों, सफाई कर्मियों, पुलिसकर्मियों एवं किसी भी कोरोना वॉरियर्स पर थूकने, गंदगी फेंकने और आइसोलेशन तोड़ने पर भी इस कानून के तहत कड़ी कार्रवाई होगी। कोरोना वॉरियर्स के खिलाफ समूह को उकसाने या भड़काने पर भी इस कानून के तहत सख्त कार्रवाई करने के प्रावधान किए गए हैं। इसके तहत दो वर्ष से पांच वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। वहीं 50 हजार से दो लाख रुपये तक जुर्माना भी निर्धारित किया गया है। इस नए कानून के तहत 50 हजार से लेकर 5 लाख रुपये तक का जुर्माना भी रखा गया है।

CM की अध्यक्षता में एक राज्य महामारी नियंत्रण प्राधिकरण बनेगा, जिसमें मुख्य सचिव समेत सात अन्य अधिकारी सदस्य के रूप में शामिल किए जाएंगे। दूसरा 3 सदस्यीय जिला महामारी नियंत्रण प्राधिकरण होगा, जिसका अध्यक्ष जिले का DM होगा। राज्य प्राधिकरण महामारी की रोकथाम, नियंत्रण से संबंधित मामलों में सरकार को परामर्श देगा, जबकि जिला प्राधिकरण जिले में विभिन्न विभागों के क्रियाकलापों के साथ समन्वय स्थापित करेगा।

अस्पताल से भागने पर होगी 1 से 3 वर्ष की सजा
वहीं क्वारंटाइन का उल्लंघन करने पर 1 से 3 साल की सजा और 10 हजार से 1 लाख रुपये तक के जुर्माना का प्रावधान किया गया है। अस्पताल से भागने वालों के खिलाफ एक से तीन वर्ष की सजा और 10 हजार से एक लाख रुपये तक के जुर्माना लगाने की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही अगर कोई कोरोना संक्रमित मरीज स्वयं को छिपाएगा तो उसे 1 वर्ष से लेकर 3 वर्ष की सजा हो सकती है। इसके लिए 50 हजार से 1 लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है। अगर कोरोना मरीज जानबूझकर सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से यात्रा करता है तो उसके लिए 1 वर्ष से 3 वर्ष तक की सजा और 50 हजार से 2 लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

 

 

Author

Moulshree Tripathi