अब नकली नोट पहचानना होगा आसान, RBI तैयार कर रहा एंड्रायड बेस स्कैनर एप्लीकेशन

punjabkesari.in Thursday, May 24, 2018 - 09:00 AM (IST)

कानपुर: नकली नोट बाजार से बाहर करने के लिए अब भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) नई तकनीक से कदमताल करने जा रहा है। आरबीआई असली व नकली नोट की पहचान करने के लिए एक एप्लीकेशन तैयार कर रहा है। इसमें सभी नोटों के आम के साथ खास फीचर शामिल होंगे। नकली नोटों का कारोबार साल दर साल बढ़ने को गम्भीरता से लेते हुए आरबीआई आम आदमी तक नोट स्कैनर पहुंचाने की कोशिश में लग गया है।

केन्द्रीय बैंक का मानना है कि आम आदमी नोट की पहचान आसानी से कर सकेगा तो नकली नोट के चलन पर अंकुश लगाया जा सकेगा। इसके लिए आरबीआई एंड्रायड पर आधारित स्कैनर एप्लीकेशन तैयार कर रहा है। यह स्कैनर एप नोट को स्कैन करेगा और उसके फीचर पढ़ने के बाद बता देगा कि नोट असली है या नकली। अभी इस स्कैनर एप का ट्रायल चल रहा है और इसे 95 फीसदी से अधिक एक्यूरेसी लैवल पर लाया जा चुका है। जिस दिन एप सौ फीसदी एक्यूरेसी पर नोट को पहचान लेगा इसे आम आदमी के लिए लांच कर दिया जाएगा।

इस एप्लीकेशन में 10 रुपए से लेकर 2000 रुपए तक के सभी नोट(नए व पुराने) के फीचर शामिल होंगे। आरबीआई ने विभिन्न नोटों के 14-17 फीचर आम आदमी के लिए जारी किए हैं लेकिन इस स्कैनर एप में ऐसे सिक्योरिटी फीचर भी शामिल होंगे जो बिना किसी उपकरण के सहारे नहीं देखे जा सकते। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि कोई भी एप्लीकेशन का सुरक्षा चक्र न तोड़ सके इसीलिए स्कैनर एप्लीकेशन का नाम व फीचर अभी गोपनीय है। एक बैंक अधिकारी का कहना है कि इस एप्लीकेशन के आने के बाद आम आदमी भी अपने नोट की पहचान आसानी से कर लेगा।

कब पकड़े गए नकली नोट बनाने वाले
आरबीआई ने गत वर्ष यूपी और उत्तराखंड की 50 से अधिक शाखाओं के प्रबंधकों के खिलाफ दर्ज कराया मुकद्दमा। इलाहाबाद बैंक की एक करंसी चैस्ट से पकड़े गए थे 1.83 लाख रुपए के नकली नोट, इसमें मध्य उत्तर प्रदेश के 13 जिलों केनोट आए थे। नेपाल सीमा लगने के कारण पीलीभीत, बरेली और लखीमपुर में हर साल औसतन पकड़े जाते हैं पांच मामले। नोटबंदी के दौरान औसतन हर शाखा में मिले थे नकली नोट। कानपुर के घाटमपुर, पनकी, बिठूर और पुखरायां में पकड़े गए थे नकली नोट बनाने वाले।

Anil Kapoor