अब कैदी नंबर 17052 है अतीक अहमद...जेल में करना पड़ेगा काम, पहनने होंगे जेल के कपड़े

punjabkesari.in Friday, Mar 31, 2023 - 03:26 PM (IST)

प्रयागराज: उमेश पाल अपहरण मामले में प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। मामले में अतीक अहमद समेत 3 दोषियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सजा के बाद अतीक को वापस साबरमती जेल भेज दिया गया है। जेल में अतीक अहमद अब कैदी नंबर 17052 के रूप में जाना जाएगा। जहां पर उसे बिल्ला नंबर अलॉट हो गया है। जेल प्रशासन ने अतीक का नंबर जारी कर दिया। वह कैदियों वाली ड्रेस पहनेगा और जेल में काम भी करना होगा। उसके सामने जेल मैनुअल के हिसाब से विभिन्न कार्यों की सूची सौंपी गई है। जो भी काम अतीक चुनेगा, उसे करना पड़ेगा।

रात में अतीक को उसकी पुरानी बैरक में भेजा गया था। बृहस्पतिवार को साबरमती जेल अधिकारियों ने अतीक को सजायाफ्ता कैदी के रूप में बैरक आवंटित की। वह कैदी नंबर 17052 के रूप में जाना जाएगा। बताया जा रहा है कि अतीक गैंग की सूची नए सिरे से तैयार की जाएगी। पुलिस ने 9 फरवरी को अतीक गैंग की सूची जारी की थी, जिसमें आबिद प्रधान, कम्मो और जाबिर आदि गुर्गों के नाम गायब थे। शाइस्ता परवीन को फरार कराने में आबिद प्रधान का नाम सामने आने के बाद पुलिस नए सिरे से सूची तैयार करेगी। इसमें अतीक की पत्नी शाइस्ता और बेटों का भी नाम शामिल होगा। अशरफ के सालों का भी नाम जोड़ा जाएगा।

अतीक को अब ड्रेस कोड का पालन करना होगा। उन्होंने बताया कि जेल मैनुअल के अनुसार कैदियों के काम करने को तीन कटेगरी में बांटा गया है। नंबर एक स्किल्ड, अनस्किल्ड और सेमीस्किल्ड हैं। इसी के अनुसार उन्हें पारिश्रमिक दिया जाता है। कैदियों के पारिश्रमिक को बैंक व्यवस्था है। वे अपने कमाए पैसों को घर भी भेज सकते हैं या उसका खुद उपयोग कर सकते है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (नैनी जेल) शशीकांत सिंह ने मुलजिम और मुजरिम की भिन्नता बताते हुए कहा कि जबतक उसपर आरोप होता है वह “मुलजिम” या आरोपी कहलाता है लेकिन अपराध सिद्ध होने के बाद वह “मुजरिम” कहलाता है। 

Content Writer

Tamanna Bhardwaj