अब जेब में एक रुपए कैश के बिना भी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री संभव, जानिए कैसे

punjabkesari.in Thursday, Jun 10, 2021 - 09:31 PM (IST)

झांसीः उत्तर प्रदेश के स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन विभाग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल ने कहा कि अब लोग जेब में एक रूपया कैश हुए बिना भी अपनी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करा सकते हैं।    

यहां सकिर्ट हाउस सभागार में गुरुवार को जनपद की विभागीय समीक्षा करते हुए राज्यमंत्री ने कहा कि जनता के लिये संचालित समस्त जन उपयोगी योजनाओं का लाभ जनता तक अवश्य पहुंचना चाहिए। क्रेता विक्रेता व जनता के प्रति मानवीय द्दष्टिकोण अपनाते हुए मृदु व्यवहार करें। कार्यालय आने वालो को समस्त सुविधायें उपलब्ध हो उन्हें कोई समस्या न हो। प्रदेश का स्टाम्प पंजीयन विभाग डिजीटल क्षेत्र में पूरे भारतवर्ष में नम्बर वन पर है। विभाग द्वारा रजिस्ट्री करने से पूर्व क्रेता-विक्रेता को आनलाइन समय निर्धारित किया जाता है,जिससे उस समय पर आने से भीड़ से बचे रहते है। इसके साथ ही प्रॉपर्टी में प्रयुक्त स्टाम्प को ई-स्टाम्प कर सकते है, कभी भी ई-स्टाम्प को घर बैठे सुबह-शाम या रात को जमा कर सकते है, और रजिस्ट्री हो जायेगी।               

आनलाइन सकिर्ट रेट भी साइड पर है, जिसे क्रास चेक कर सकते है। उन्होने कहा कि क्रेता-विक्रेता सीधे-सीधे दस्तावेज लेकर पहुंचे वहां आपकी रजिस्ट्री हो जायेगी। निबन्धन शुल्क भी आनलाइन जमा करने की सुविधा है। जेब में एक रुपया कैश न होने के बाद भी आनलाइन प्रॉपर्टी क्रय कर सकते है। जल्द ही उप्र में आनलाइन सम्पत्ति का बारिसान भी चेक किया जा सकेगा। सारे रिकार्ड का डिजीटलीकरण किया जा रहा है। क्रेता सम्पत्ति खरीदने से पहले घर बैठे ही सम्पत्ति की जांच कर सकता है। उन्होने कहा कि निर्वाचन के दौरान 10, 20 तथा 100 रुपये के स्टाम्प मिलने में समस्या रही थी परन्तु अब विभाग द्वारा कोई भी व्यक्ति जिसका बैंक खाता है वह मोबाइल के माध्यम से 500 रुपये तक के स्टाम्प आनलाइन स्वयं निकाल सकता है उसे वेन्डर्स के पास नही जाना होगा।               

राज्यमंत्री ने जनपद में वादो के निस्तारण पर संतोष व्यक्त किया। जनपद में 304 दायरा के सापेक्ष 303 निस्तारण वाद है। समीक्षा दौरान उन्होने स्टाम्प डयूटी निबन्धन शुल्क को बढ़ाये जाने के निर्देश दिये। माह नवम्बर 2020 से मार्च 2021 तक जनपद को प्राप्त न्याय शुल्क 158.29 लाख रुपये है। अधिवक्ताओं की हड़ताल से शुल्क प्रभावित न हो यह अवश्य सुनिश्चित कर लिया जाये। वसूली समीक्षा करते हुये उन्होने कहा कि 355 आरसी के सापेक्ष 5 करोड़ 29 लाख वसूली की जानी है अभी 01 करोड़ 20 लाख के लगभग है, इसे बढ़ाया जाये। इस मौके पर जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी, अपर जिलाधिकारी राम अक्षयवर चैहान, सहायक महानिरीक्षक निबन्धन प्रवीण सिंह, विवेक कुमार श्रीवास्तव, सुश्री शबाना बेगम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। 
 

Content Writer

Tamanna Bhardwaj