अब कुत्ते पालने का शौक पड़ेगा महंगा, सरकार वसूलेगी भारी टैक्स

punjabkesari.in Saturday, Jan 18, 2020 - 01:30 PM (IST)

आगराः स्मार्ट सिटी आगरा में कुत्ते पालने का शौक रखने वाले जरा सावधान हो जाएं। क्योंकि अब इनकी निगरानी शहर की सरकार यानि आगरा नगर निगम करेगी। जी हां, आपने सही पढ़ा। अब हर साल एक हजार रुपए पालतू कुत्ते का टैक्स देना होगा। निगम ने यह कदम सिटी में बढ़ते पालतू कुत्तों की संख्या को देखते हुए उठाया है। अपना राजस्व बढ़ाने के लिए आगरा नगर निगम खास तरह का फॉर्म्युला लेकर आया है। इसके तहत पालतू कुत्तों पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव नगर निगम ने पारित किया है।

इतना ही नहीं कुत्ता पालने वाले मालिकों को इसके लिए बाकायदा नगर निगम में अपने रजिस्ट्रेशन कराना होगा। हाल ही में नगर निगम में यह प्रस्ताव रखा गया और अधिकांश पार्षदों के समर्थन के बाद इसे पास कर दिया गया। कुत्तों पर टैक्स लगाने के पीछे तर्क है कि तो पूरे शहर में करीब 10 हजार पालतू कुत्ते हैं। इनका निगम में कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है। ये जगह-जगह पर गंदगी करते हैं और उस गंदगी को निगम के कर्मचारी साफ करते हैं। ऐसे में नगर निगम को कुत्ता पालने वालों से 1000 रुपए सालाना टैक्स लेना चाहिए।

प्रस्ताव के मुताबिक, अगर दस हजार पालतू कुत्तों के मालिकों से 1000 रुपए सालाना टैक्स लिया गया तो इससे नगर निगम को एक करोड़ की आमदनी होगी। इस प्रस्ताव पर चर्चा होने के बाद इसे आनन फानन में पास भी कर दिया गया। हालांकि निगम अधिकारियों की माने तो इस प्रस्ताव पर जल्द अमल में लाकर टैक्स प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

आगरा नगर निगम के इस फरमान पर पशु पालकों और डॉग लवर्स ने नाराजगी जताई है। लोगों का मानना है कि निगम का यह फैसला अनुचित है। एक आम इंसान इस महंगाई के दौर में कहां से ये टैक्स देगा, वो पहले ही अपने पालतू डॉग पर कई खर्चे करता है।

निगम के इस प्रस्ताव पर जब शहर के जाने माने पशु चिकित्सक डॉ. संजीव नेहरू का कहना है कि यह फैसला सरासर गलत है। कुछ लोग तो ऐसे होते हैं जिनका मन नहीं होता पर बच्चों के कहने पर घर में छोटा डॉगी (Puppy) पाल लेते हैं। जबकि कुछ सेवा-भाव की दृष्टि से कुत्तों को पालते हैं। उनके ऊपर बिना सुविधाओं के ऐसा टैक्स गलत है।

बता दें कि म्युनिसिपल एक्ट 2008 में दिए प्रावधानों के अनुसार कुत्ता पालने के लिए नगर निगम की अनुमति की जरूरत होती है। इसके लिए नगर निगम में बाकायदा पंजीकरण कराना होता है। इसके लिए बाकायदा कानून बने हुए हैं, जिनका पालन कम ही पशु पालक करते हैं। इसी को लेकर नगर निगम के राजस्व को बढ़ाने के लिए निगम के सदन में पार्षदों ने इसका प्रस्ताव रखा। निगम की मानें तो इस टैक्स से लोगों को ज्यादा परेशानी नहीं होगी, क्योंकि अब शहर के लोग भी लक्जरी लाइफ जी रहे हैं। इस टैक्स से आए पैसे से शहर में जनोपयोगी काम होंगे।













 

Tamanna Bhardwaj