यूपी चुनावः बसपा के मुस्लिम फार्मूले की असली परीक्षा अब

punjabkesari.in Saturday, Feb 25, 2017 - 01:18 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पांचवे चरण के चुनाव में मायावती के दलित-मुस्लिम समीकरण की असली परीक्षा होने वाली है। इस चरण में मायावती ने 18 मुस्लिम प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है, जो पार्टी द्वारा पांचवे चरण के लिए उतारे गए 52 प्रत्याशियों का 35 प्रतिशत है। हालांकि दूसरे चरण में उन्होंने 43 प्रतिशतमुस्लिम प्रत्याशियों पर दाव खेला था लेकिन पांचवें चरण में 18 मुस्लिम प्रत्याशी भी अपने आप में एक बड़ी बात है।

बसपा ने 18 तो सपा-कांग्रेस ने 10 मुस्लिमों को दिए टिकट
पांचवे चरण के 11 जिलों में 52 सीटों के लिए होने वाले चुनाव में बसपा के 18 मुस्लिम उम्मीदवारों में से 14 उम्मीदवार गोंडा, बहराइच, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर व संत कबीर नगर जिलों से चुनाव लड़ रहे है। 
दूसरी ओर पांचवे चरण में सपा-कांग्रेस गठबंधन ने केवल 10 सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशियों को चुनाव में उतारा है। बसपा ने गोंडा की 6 सामान्य सीटों में से 4 पर, बलरामपुर की 3 सामान्य सीटों मेें से 2 पर और सिद्धार्थनगर की 4 में से 3 सामान्य सीटों पर मुस्लिमों की जनसंख्या 38 प्रतिशत और सिद्धार्थनगर में 30 प्रतिशत है।

मायावती मुस्लिमों का विश्वास जीतने के चल रही दांव
बसपा ने फैजाबाद और बहराइच जिला में दो-दो मुस्लिम प्रत्याशी उतारे है।और संत कबीर नगर, अमेठी और सुल्तानपुर में एक-एक सीट मुस्लिमों को दी है। इस दौर के चुनाव में मायावती ने पार्टी के मुस्लिम नेताओं को प्रचार पर भी लगाया है। बसपा ने महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दकी, उसका बेटा तथा माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी के भाई अफजल अंसारी  ने मुस्लिम वोटों को बसपा के पक्ष में करने के लिए कई जनसभाओं को संबोधित किया है।

भाजपा, सपा-कांग्रेस गठबंधन पर भी कसे कई तंज
मायावती ने भी मुस्लिमों को अपने साथ मिलाने व दलितों को भाजपा से दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा अमित शाह के ऊपर हमला किया है। उन्होंने एक तरफ मोदी को नैगेटिव दलित मैन कहा तो दूसरी ओर अमित शाह के कसाब संबंधी बयान का विरोध करते हुए उन्हें सबसे बड़ा कसाब कहा है। इस तरह की बातें करके वह मुस्लिमों को अपने पक्ष में करना चाहती हैं क्योंकि भाजपा पर हमला करके ही वह मुस्लिमों को अपने पक्ष में कर सकती हैं न कि सपा-कांग्रेस गठबंधन के ऊपर हमला करके।