...अब काशी की देव दीपावली को भव्य बनाने में जुटी योगी सरकार, 15 लाख दीपों से जगमग होगें 84 घाट

punjabkesari.in Wednesday, Nov 18, 2020 - 07:52 PM (IST)

वाराणसी: अयोध्या में दिवाली के भव्य व सफल आयोजन के बाद काशी की विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली को योगी सरकार भव्य बनाने जा रही है। देव दीपावली पर पिछले साल काशी के घाटों को दस लाख दीयों की रोशनी से रोशन किया गया था, जबकि इस बार देव दीपावली को भव्‍य बनाने के लिए 15 लाख से अधिक दीयों को जलाया जाएगा।

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देव दीपावली पर लेजर शो से दिखेगी काशी की महिमा
बता दें कि 30 नवम्बर कार्तिक पूर्णिमा के दिन बनारस के 84 घाट 15 लाख दीयों की रोशनी से जगमगाएंगे। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शिरकत करने की संभावना है। इस वर्ष देव दीपावली पर ‘ना भूतो ना भविष्यति’ स्तर का ग्रैंड शो का आयोजन किया जाएगा। साथ ही गंगा नदी में पानी की लहरों पर लेजर शो एवं प्रोजेक्‍टर के माध्यम से काशी की महिमा, शिव की महिमा एवं गंगा अवतरण आदि का भव्य प्रदर्शन होगा।

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इस साल देव दीपावली पिछले वर्षों से बेहतर और अच्‍छे स्‍तर पर मनाई जाएगी
बनारस के घाटों पर देव दिवाली हर साल बड़े पैमाने पर मनाई जाती है और दुनिया भर से लोग इसे देखने आते हैं। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के संयुक्‍त निदेशक अविनाश मिश्रा ने बताया कि इस बार देव दीपावली में 15 लाख से ज्यादा के दीयों से काशी के घाट सजाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस साल देव दीपावली पिछले वर्षों से बेहतर और अच्‍छे स्‍तर पर मनाई जाएगी। इस मौके पर एक बड़ा प्रकाश उत्सव आयोजित होगा। मिश्रा ने बताया कि देव दीपावली के दिन 20-25 घाटों पर बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। यहां पर आने वाले पर्यटक नाव से भी इसका नजारा देख सकेंगे। पर्यटकों को पिछले वर्षों से अलग हटकर इस बार काफी कुछ नया देखने को मिलेगा। गंगा आरती में भी ऐसी व्यवस्था होगी कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और दूरी को बनाए रखें।

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अयोध्या जैसा भव्य आयोजन करने को सरकार ने दिया आदेश
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि सरकार की इच्छा है कि अयोध्या जैसा भव्य आयोजन काशी की देव-दीपावली में हो, इसको लेकर सरकार ने विशेष तैयारी करने का निर्देश दिया है।

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ये है धार्मिक मान्यता ?
काशी में कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध किया था। त्रिपुरासुर के वध के बाद सभी देवी-देवताओं ने मिलकर खुशी मनाई थी। माना जाता है कि देव दीपावली के दिन सभी देवता बनारस के घाटों पर आते हैं। इस दिन दीपदान करने का विशेष महत्व होता है।

यह भी मान्‍यता है कि भगवान शंकर ने खुद देवताओं के साथ गंगा के घाट पर दिवाली मनाई थी, इसीलिए देव दीपावली का धार्मिक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी बढ़ जाता है।


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Umakant yadav

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