डराने की सियासत का जरिया है NRC: अखिलेश

punjabkesari.in Friday, Sep 20, 2019 - 03:58 PM (IST)

लखनऊः सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को डराने की राजनीति का जरिया करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि अगर उत्तर प्रदेश में एनआरसी की कार्रवाई की गयी तो सबसे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रदेश छोड़ना पड़ेगा। जरूरत पड़ने पर उत्तर प्रदेश में भी एनआरसी लागू करने के मुख्यमंत्री योगी के बयान के बारे में पूछे गये सवाल पर अखिलेश ने यहां संवाददाताओं से कहा ''यूपी में होगा तो सबसे पहले उन्हें (योगी) ही वापस जाना होगा। वह तो उत्तराखण्ड के मूल निवासी हैं। हमारे लिये तो आप यह अच्छी खबर बता रहे हैं।''

उन्होंने कहा, ''एनआरसी केवल डराने की राजनीति है। पहले ‘बांटो और राज करो' होता था। अब डर की राजनीति हो रही है। हमने बांटने वालों को तो भगा दिया। अब हम सब मिलकर जनता को समझाएंगे तब ये डराने वाले लोग भी सरकार से हट जाएंगे।'' उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे से कश्मीर के हालात को जोड़ते हुए कहा, सवाल यह है कि कश्मीर में घरों में बीमारों को इलाज मिल रहा है या नहीं? बच्चे स्कूल जा रहे हैं या नहीं, उन्हें सबकुछ मिल रहा है या नहीं? सरकार कह रही है कि हालात सामान्य हैं। अगर वाकई सामान्य हैं तो वहां इतनी बंदिशें क्यों हैं?

उन्होंने कहा कि भाजपा पाकिस्तान का नाम लेकर वोट मांगती है और उसी पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपने हवाई क्षेत्र से उड़ान की इजाजत नहीं दी। पाकिस्तान से ज्यादा तो चीन से खतरा है, इसलिये सीमाओं को सुरक्षित करना जरूरी है। अखिलेश ने वर्ष 2016 में हुई नोटबंदी के दौरान एक बैंक के बाहर लगी कतार में जन्मे बच्चे खजांची का जिक्र करते हुए कहा कि वह पंजाब नेशनल बैंक और भारतीय रिजर्व बैंक के बड़े अफसरों से अपील करते हैं कि वे उस बच्चे को गोद ले लें।

उन्होंने कहा कि सपेरा समाज से ताल्लुक रखने वाले खजांची और उसके परिवार के पास खाने तक को नहीं है। इस समाज के लोग आज भी भीख मांगकर खाना खाते हैं। मैं पीएनबी के अफसरों से कहूंगा कि सीएसआर के पैसे से इसका घर बनवायें और 10 हजार रुपये महीना दें। नहीं तो आरबीआई दे।

अखिलेश ने सपा के वरिष्ठ नेता एवं रामपुर से सांसद आजम खां के खिलाफ दर्ज हो रहे मुकदमों को अन्याय करार देते हुए कहा कि जिन लोगों की तहरीर पर मुकदमे दर्ज हो रहे हैं, वे नौ साल तक क्यों चुप रहे। अचानक किसका दबाव आया? सरकार ढाई साल से सत्ता में है। पहले ये मुकदमे क्यों नहीं दर्ज हुए। चूंकि आजम ने विश्वविद्यालय बना दिया, इसलिये उनके खिलाफ कार्रवाई हो रही है। इस मौके पर बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दयाराम पाल अपने अनेक समर्थकों के साथ सपा में शामिल हो गये। अखिलेश ने उनका स्वागत करते हुए कहा कि अब उत्तर प्रदेश सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गयी है।






 

Tamanna Bhardwaj