मेरठ में कोरोना मरीजों की संख्या 19, क्वारंटाइन किए गए लोगों का आरोप नहीं मिल रहा खाना, बच्चे भी भूखे

punjabkesari.in Tuesday, Mar 31, 2020 - 04:20 PM (IST)

मेरठः महामारी का रूप ले चुका कोरोना वायरस धीरे धीरे लोगों को अपना शिकार बना कर पैर पसारता जा रहा है। ये खतरनाक वायरस अब तक मेरठ के 19 लोगों को अपना शिकार बना चुका है, जिनका मेरठ के मेडिकल कॉलेज में बने कोरोना आइसोलेशन वार्ड में इलाज किया जा रहा है। मेरठ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी मुताबिक, सभी कोरोना पॉज़िटिव लोगों को आइसोलेट करते हुए उनका उपचार किया जा रहा है और उनके खाने पीने का भी अच्छी तरीके से खयाल रखा जा रहा है, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही नज़र आ रही है। ये हम नहीं बल्कि खुद इस कोरोना संदिग्ध मरीजों के लिए बनाए गए। क्वारंटाइन वार्ड में भर्ती किए मरीजों का आरोप है।

दरअसल, 4 दिन पहले एक महाराष्ट्र के अमरावती से लौटा मरीज मेरठ मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए पहुचा था। डॉक्टरों ने जांच में उसे कोरोना पॉज़िटिव पाया और उसे आइसोलेट कर दिया और मेरठ मेडिकल कालिज में बने कोरोना आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर दिया। प्रशासन ने उसके संपर्क में आने वाले उसके परिवार के सदस्यों की भी जांच की, जिसमें अब तक इस व्यक्ति के अलावा उसके परिवार के 16 लोग कोरोना पॉज़िटिव पाए गए। जिन्हें कोरोना आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर उनका उपचार किया जा रहा है। साथ ही मेरठ में 2 और लोग कोरोना पॉज़िटिव पाए गए। जिन्हें प्रशासन ने आइसोलेट कर दिया है और सभी भर्ती 19 कोरोना पॉज़िटिव लोगों का उपचार किया जा रहा है।

वहीं मुख्य मुख्य चिकित्सा अधिकारी का दावा है कि भर्ती सभी कोरोना पॉज़िटिव लोगों को अच्छा खाना भी दिया जा रहा है, लेकिन ये दावे हवा हवाई नज़र आ रहे हैं। खुद कोरोना संदिग्ध वार्ड में भर्ती मरीजों ने 3 वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल की है। जिनमें वो अस्पताल प्रशासन के रवैये की शिकायत करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इन लोगों का आरोप है कि न तो इन लोगों को खाना दिया जा रहा है और जब ये लोग खाना मांगते है तो इन लोगों को रखा हुआ खाना दिया जाता है।

साथ ही इन लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि मरीजों की साफ सफाई का ध्यान भी नहीं रखा जा रहा है। इन लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि इन क्वारंटाइन किए गए लोगों के साथ मासूम बच्चे भी है, जोकि सुबह से शाम तक भूखे रहते है, लेकिन अस्पताल प्रशासन उन्हें क्वारंटाइन वार्ड में बंद रखते हुए उनकी एक नही सुनता । इन तस्वीरों में आप देख सकते है कि किस तरह ये लोग और इनके साथ मौजूद मासूम इंतज़ार कर रहे है खाने का जिसे खाकर ये अपनी भूख मिटा सकें।

ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर इन मासूमों और इन लोगों का क्या कसूर जिनके साथ अस्पताल प्रशासन ऐसा सलूक कर रहा है और क्या सरकार के दावे सिर्फ हवा हवाई है, जोकि कोरोना के इलाज के दौरान भर्ती होने वाले लोगों का सही खयाल रखने के दावे कर रही हैं। 

Tamanna Bhardwaj