जोशी व राज बब्‍बर समेत 18 आरोपियों पर से मुकदमा वापस लेने की अर्जी पर 20 फरवरी को होगा फैसला

punjabkesari.in Sunday, Feb 07, 2021 - 03:09 PM (IST)

लखनऊ: सांसद-विधायक अदालत के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने धरना-प्रदर्शन के दौरान तोड-फोड़ व पुलिस बल पर हमला करने आदि के एक आपराधिक मामले को राज्य सरकार की ओर से वापस लेने की अर्जी पर फैसले के लिए 20 फरवरी की तारीख तय की है। इस अर्जी पर शनिवार को अभियोजन व बचाव पक्ष की ओर से भी बहस की गई। इस मामले में रीता बहुगुणा जोशी, राज बब्बर, प्रदीप जैन आदित्य, अजय राय, निर्मल खत्री, राजेश पति त्रिपाठी व मधुसुदन मिस्त्री समेत 18 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल है।

उल्‍लेखनीय है कि 17 अगस्त, 2015 को इस मामले की प्राथमिकी उप निरीक्षक प्यारेलाल प्रजापति ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी। उस दिन कांग्रेस पार्टी का लक्ष्मण मेला स्थल पर धरना-प्रदर्शन था। प्राथमिकी के मुताबिक करीब पांच हजार कार्यकर्ताओं के साथ अचानक यह सभी अभियुक्तगण धरना स्थल से विधान सभा का घेराव करने निकल पड़े, इन्हें समझाने व रोकने का प्रयास किया गया लेकिन वे नहीं माने। प्राथमिकी के मुताबिक आरोपी संकल्प वाटिका के पास पथराव करने लगे, जिससे भगदड़ मच गई, इस हमले में एडीएम (पूर्वी) निधि श्रीवास्तव, एसपी पूर्वी राजीव मल्होत्रा, सीओ यातायात अवनीश मिश्रा, एसएचओ आलमबाग विकास पांडेय व एसओ हुसैनगंज शिवशंकर सिंह समेत पुलिस के कई अधिकारी व पीएसी के कई जवान गंभीर रूप से घायल हो गए।

शिकायत के मुताबिक अशोक मार्ग से आने व जाने वाले आम जनता को भी चोटें आई और कई गाडियों के शीशे टूट गए, कानून व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो गई। 25 दिसंबर, 2015 को विवेचना के बाद पुलिस ने 18 अभियुक्तों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई गंभीर धाराओं व क्रिमिनल लॉ (संशोधन) अधिनियम की धारा में भी आरोप पत्र दाखिल किया था। उल्‍लेखनीय है कि रीता बहुगुणा जोशी पहले उत्तर प्रदेश कांग्रेस की अध्‍यक्ष रहीं लेकिन बाद में वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईं। वह मौजूदा समय में लोकसभा में भाजपा की सदस्‍य हैं। राज बब्‍बर भी प्रदेश कांग्रेस के अध्‍यक्ष रह चुके हैं जबकि प्रदीप जैन आदित्‍य केंद्र सरकार में पूर्व मंत्री और निर्मल खत्री लोकसभा के पूर्व सदस्‍य हैं।

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Moulshree Tripathi