Jhansi: विश्व जल दिवस के अवसर पर वॉटर लीडर्स सम्मान समारोह का हुआ आयोजन

punjabkesari.in Wednesday, Mar 22, 2023 - 11:26 PM (IST)

झांसी: विश्व जल दिवस (World Water Day) के अवसर पर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के झांसी (Jhansi) में बुधवार को वॉटर्स लीडर्स सम्मेलन (Waters Leaders Conference) का आयोजन किया गया। यहां दीनदयाल उपाध्याय सभागार (Deen Dayal Upadhyay Auditorium) में विश्व जल दिवस के अवसर पर वॉटर्स लीडर्स सम्मेलन का आयोजन परमार्थ समाज सेवी संस्थान के द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित झांसी मण्डल के मण्डलायुक्त डॉ़ आदर्श सिंह ने कहा,‘‘पानी कहीं भी विकसित नहीं हो रहा है यह वही पानी है जो हमारे वंशज हमें सहेजकर दे गये, इसलिए हमें ध्यान रखना होगा कि हम पानी का विवेकपूर्ण करे, यह हमारी धरोहर है। केन्द्र एवं राज्य सरकार के द्वारा जल संरक्षण एवं पेयजल के लिए विभिन्न योजनाऐं चलाई जा रही हैं, लेकिन यह योजनाऐं तब तक सफल नहीं हो सकती है जब तक हम सब अपने अंदर बदलाव ना लाये। बुन्देलखंड में जल संरक्षण का कार्य करने के लिए अपार सम्भावनाऐं है, जिसे राज एवं समाज को मिलकर करना चाहिए।''

कार्यक्रम के अति विशिष्ठ अतिथि जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने कहा कि हमारी प्रकृति जिन पांच तत्वों से बनी है उनमें एक जल है, हम इसको ना बचाकर स्वयं अपनी प्रकृति का नुकसान कर रहे है। जिले में जल की सम्बद्धता को बढ़ाने के लिए सुखनई और लखेरी जैसी नदियो के पुनर्जीवन के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे है। आज जिनको भी वॉटर लीडर्स सम्मान से सम्मानित किया जा रहा है, वह अपने आस-पास ऐसे लोगों को पानी बचाने का संकल्प दिलाये जो पानी को ज्यादा बर्बाद करते है। जल संरक्षण एक सामूहिक प्रयास है अगर हम उन लोगों को जागरूक कर पायेगे तभी हम जल का संरक्षण अपने बुंदेलखंड में अच्छे से कर सकते हैं।

विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित पदमश्री उमा शंकर पाण्डेय ने जखनी मॉडल के बारे में बताते हुए कहा कि जब समाज खेत पर मेढ़ और मेढ पर पेड़ लगाना शुरू कर देगा तो निश्चित तौर से प्रत्येक क्षेत्र के सूखे से निजात पा सकता है। जखनी मॉडल में मात्र यही एक कार्य किया गया है जिससे आज जखनी मॉडल देश एवं विदेश में जल संरक्षण को लेकर जाना जाता है। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित बुन्देलखंड विकास बोडर् के उपाध्यक्ष राजा बुन्देला ने कहा कि यह विडम्बना ही है कि जिस बुन्देलखंड को दूध, दही के लिए जाना जाता था, आप वह जल संकट ग्रस्त इलाके के रूप में जाना जाता है। आप लोगों को सम्मान इसलिए मिला है कि आप पानी का सम्मान आदर करे, दूसरों को भी समर्पण भाव से जल संरक्षण के लिए जोड़े। कार्यक्रम के दौरान जल संरक्षण पर उल्लेखनीय कार्य करने वाले 21 जल सहेली एवं जल योद्धाओं को वॉटर लीडर्स सम्मान से सम्मानित किया गया। यह जल सहेली एवं जल योद्धा अपने-अपने क्षेत्र में तालाब पुनर्जीवन, नदी पुनर्जीवन, जल उपयोग दक्षता के कार्य कर रहे है, जिससे जल संरक्षण के बारे में समाज भी संवेदित हो रहा है।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए परमार्थ संस्थान के सचिव डॉ़ संजय सिंह ने कहा कि आज विश्व जल दिवस पर पूरे बुन्देलखंड में श्रमदान का महाअभियान का शुभारम्भ किया जा रहा है, जिसमें समाज के लोग अपने-अपने जल संरक्षण संरचनाओं को ठीक करने के काम करेंगे। प्रो़ राणा प्रताप (डीन) लखनऊ यूनिवर्सिटी ने कहा कि परमार्थ संस्थान के द्वारा जल सहेलियों का जो मॉडल देश के सामने प्रस्तुत किया यह बाकई जल संरक्षण के क्षेत्र में बडी उपलब्धि है। वर्तमान में जलवायु परिवर्तन के कारण ही बुन्देलखण्ड जैसे क्षेत्रों में सूखा एवं बाढ से जूझ रहा है, इसलिए जलवायु परिवर्तन के स्थायी समाधान के लिए हमें जल सहेलियों के साथ काम करना चाहिए। हैलीयोज से आयी तन्वी सहदेव के द्वारा जल शुद्धिकरण डिवाइस वाडी के बारे में सभी प्रतिभागियों को बताया गया और पानी की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने का आह्वान किया।

इस अवसर पर संयुक्त विकास आयुक्त मिथलेश सचान, अर्थ एवं संख्या एस एन त्रिपाठी, रानी लक्ष्मी बाई केन्दीय कृषि विश्वविद्यालय के डीन अनिल चतुर्वेदी, राजस्थान से आये पर्यावरणविद दीप सिंह शेखावत, बुन्देलखंड अभियांत्रिकी एवं प्रोद्यौगिकी संस्थान के प्रो़ अभय कुमार वर्मा, डॉ़ नीति शास्त्री जल सहेली बबीता, रजनी, जल योद्धा मनमोहन ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में 500 से अधिक पानी पर कार्य करने वाली जल सहेली, जल योद्धा उपस्थित रहे।

Content Writer

Mamta Yadav