एक बार फिर Ramniwas mandir  खरीदने पर Sri Ram Mandir Trust पर उठी उंगली, मंदिर में रह रहे शख्स ने लगाए गंभीर आरोप

punjabkesari.in Thursday, Feb 16, 2023 - 01:13 AM (IST)

अयोध्या में श्री राम का भव्य और दिव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है… ऐसे में राम मंदिर ट्रस्ट भव्यता देने के लिए आसपास के दूसरे मंदिरों को भी खरीद रहा है... इसी बीच श्री राम मंदिर के पहले चेकिंग प्वाइंट से सटे रामनिवास मंदिर को खरीदने के दौरान एक बार फिर ट्रस्ट पर उंगली उठी है... रामनिवास मंदिर में लंबे समय से बतौर किराएदार दुकान और मकान बनाकर रह रहे विनय गुप्ता का आरोप है कि उसे दूसरी जगह बसने के लिए 50 लाख देने की बात हुई थी, लेकिन जैसे ही उसने राम मंदिर ट्रस्ट के दिए 24 लाख 99 हजार 750 रुपए के चेक को अपने बैंक खाते में लगाया... वैसे ही उसके घर में ताला बंद कर दिया गया और अब उसका परिवार सड़क पर है...

इस मामले को जैसे ही श्री राम मंदिर के पूर्व पक्षकार रहे महंत धर्मदास ने उठाया एक बार फिर राम मंदिर ट्रस्ट चर्चा में आ गया है... बता दें कि श्री रामजन्मभूमि मंदिर से चंद कदम पहले सड़क किनारे स्थित है अति प्राचीन रामनिवास मंदिर, जिसका अधिकतर हिस्सा जर्जर हो चुका है... इसके तीन उत्तराधिकारियों महंत वीरेंद्र दास, महंत विवेक दास, लालकृष्ण दास से 5 करोड़ 80 लाख में श्री राम मंदिर ट्रस्ट ने इसे खरीदने का अनुबंध 22 दिसंबर 2022 को किया था... इसमें ट्रस्ट ने 20 लाख 30 हजार की स्टांप ड्यूटी दी थी... यहां तक तो बात ठीक थी... लेकिन अब ताजा विवाद रामनिवास मंदिर से ही जुड़ा है... जिसके एक हिस्से में लंबे समय से किरायेदार रूप में विनय गुप्ता मकान और दुकान बनाकर रहते थे... इसीलिए ट्रस्ट ने उन्हें अपना कब्जा छोड़ने के एवज में 24 लाख 99 हजार 750 का एक चेक दिया... जिसके बाद अब विनय गुप्ता का आरोप है कि ट्रस्ट ने जिनसे मंदिर खरीदा है, उन्हीं में से एक वारिश ने उनसे कहीं और बसने के लिए 50 लाख रुपए देने की बात की थी... इस संबंध में उससे एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर भी कराए गए थे.... लेकिन उसकी कोई कॉपी नहीं दी गई... अब जैसे ही उसने चेक को बैंक में लगाया उसके बाद उसके परिवार को घर से निकाल कर ताला बंद कर दिया गया और अब परिवार सड़क पर है...

वहीं इस मामले में तूल तब पकड़ा जब बीती शुक्रवार की रात ताला बंद होने के बाद राम मंदिर के पूर्व पक्ष कार रहे महान धर्मदास वहां पहुंच गए... उनका आरोप है कि मंदिर किसी की व्यक्तिगत प्रॉपर्टी नहीं होती भगवान की होती है... इसलिए उस पर ना जबरन कब्जा किया जा सकता है और ना उसे बेचा जा सकता है... इसलिए उन्होंने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके राम मंदिर ट्रस्ट को सलाह दी है कि वो कोई ऐसा कार्य ना करें जिससे अयोध्या की जनता में अफरा-तफरी फैले... क्योंकि मामला कोई छोटा नहीं है...

वहीं इस पूरे मामले पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने साफ किया है कि जो लीगल लोग हैं, उनको ट्रस्ट बाकायदा पैसा देकर प्रॉपर्टी लेता है... वो जो पैसा मांगते हैं उसको दिया जाता है और उसके बाद उसकी रजिस्ट्री ली जाती है... राम मंदिर ट्रस्ट किसी से कोई जबरदस्ती नहीं करता... बल्कि सुरक्षा के आधार पर संपत्ति उनके खाते में पैसा देकर खरीदी जाती है ... संपत्ति खरीदने के बाद उसमें मरम्मत आदि कराने के लिए कब्जा लिया जाता है और ताला बंद किया जाता है...

आपको बता दें कि ताला बंद करने के मामले में निशिंद्र मोहन मिश्रा उर्फ गुड्डू मिश्रा और ट्रस्ट कर्मचारी आशीष अग्निहोत्री का नाम सामने आ रहा है... इसीलिए राम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से ये सफाई सामने आई है... लेकिन अब जो भी हो राम जन्मभूमि ट्रस्ट पर सवाल तो उठ ही गए हैं... अब देखना होगा की आने वाले वक्त में ये मामला किस ओर जाता है....

 

Content Writer

Mamta Yadav